Rashid Khan facts. गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या में भारत सरकार ने पद्म अवॉर्ड्स की लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट में कला क्षेत्र में योगदान के लिए उस्ताद राशिद खान को तीसरे सबसे बड़े सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित करने की घषणा की गई है। उस्ताद राशिद खान हम दिल दे चुके के गाने 'अलबले सजन आयो रे' और जब वी मेट का पॉपुलर गाना 'आओगे जब तुम साजना' भी गा चुके हैं।
राशिद खान रामपुर-साहसवान घराना से आते हैं। उन्हें खासतौर से हिंदुस्तानी संगीत में ख्याली गायिकी के लिए जाना जाता है। इसके अलावा वह ठुमरी, भजन और तराना भी गाते हैं। हालांकि उन्हें शुरुआत में संगीत में रुचि नहीं थी। वह क्रिकेट खेलना चाहते थे। गजल और कुछ प्रोग्राम देखने के बाद उनकी दिलचस्पी संगीत की तरफ जागी। इसके बाद राशिद खान ने उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान और उस्ताद निसार हुसैन खान से संगीत सीखा। 11 साल की उम्र में उन्होंने दिल्ली में पहली परफॉर्मेंस दी थी।
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उस्ताद इनायत हुसैन के हैं परपोते
उस्ताद राशिद खान के परिवार से भी कई बड़े संगीतकार निकले हैं। वह उस्ताद इनायत हुसैन खान साहब के परपोते हैं। इसके अलावा वह गुलाम मुस्तफा खान के भी भतीजे हैं। उन्होंने अपने संगीत की शिक्षा भी अपने मामा निसार हुसैन खान से ग्रहण की है। एक इंटरव्यू में राशिद खान ने बताया कि एक प्रोग्राम से पहले वह सुस्ती के मूड में थे। उनके मामा और गुरु निसान हुसैन खान ने एक लात मारी। इसके बाद उन्होंने सबसे बेहतरीन परफॉर्मेंस दी।
पद्मश्री से हो चुके हैं सम्मानित
उस्ताद राशिद खान पद्म भूषण से पहले संगीत नाट्य अकादमी अवॉर्ड और पद्मश्री से सम्मानित हो चुके हैं। साल 2021 में उन्हें फोन पर जान से मारने की भी धमकी दी गई थी।
राशिद खान को धमकी देने वाला उनका पूर्व कार्यालय सहायक था। वहीं, दूसरे आरोपी को कोलकाता से गिरफ्तार किया गया। वह राशिद खान का ड्राइवर रह चुका था। दोनों ने उनसे 20 लाख रुपए फिरौती मांगी थी।
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