अपने दमदार अभिनय और डायलॉग्स से दर्शकों का दिल जीतने वाले नशीरुद्दीन शाह बॉलीवुड के चमकते सितारों में से एक हैं। कुछ दिन पहले तबीतय बिगड़ने पर एक्टर को हिंदुजा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। नसीर उसी अस्पताल में थे जहां पर दिलीप साहब एडमिट थे। नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि जब वे अस्पताल में एडमिट थे, तो सायरा बानो उनसे मिलने आई थी। उन्होंने मेरे सिर पर हांथ रखा और मुझे आशीर्वाद देते हुए कहा कि साहब आपके बारे में पूछ रहे थे। अभिनेता ने कहा कि जाने से पहले मैं उनसे मिलना चाहता था। लेकिन दुर्भाग्य से जिस दिन मेरी अस्पताल से छुट्टी हुई, उसी दिव वो दुनिया को अलविदा कह गए।
टाइम्स के साथ बातचीत के दौरान नसीरुद्दीन ने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए खुलासा किया कि जब पहली बार उन्होंने दिलीप साहब से एक्टिंग में करियर बनाने की इच्छा जाहिर की थी, तो दिलीप साहब ने उन्हें मना कर दिया था। दिलीप साहब ने उनसे कहा ‘मुझे लगता है आपको वापस घर जाकर पढ़ाई करनी चाहिए। अच्छे घर के लोग एक्टर बनने की कोशिश नहीं करते’। हालांकि दिलीप साहब का यह जवाब सुनने के बाद नसीर साहब काफी नर्वस हुए, लेकिन कड़ी मेहनत और परिश्रम से बॉलीवुड में अपना परचम बुलंद किया।
नसीरुद्दीन शाह का दिलीप साहब के परिवार से है पुराना नाता
नसीरुद्दीन शाह 16 साल की उम्र में आंखो में फिल्मी सितारा बनने की ख्वाहिश लिए घर से भागकर मुंबई आ गए थे। अभिनेता ने बताया कि मुंबई आने के बाद वह अपने पैरेंट्स के टच में नहीं थे। ऐसे में उनके घर वाले दिलीप साहब से उनका हाल चाल लिया करते थे। नसीरुद्दीन के परिवार का दिलीप साहब से पुराना नाता है। नसीरुद्दीन शाह के पिता की बड़ी बहन यानि उनकी बुआ शकीना आपा की दिलीप साहब से अच्छी जान पहचान थी। नसीरुद्दीन भी दिलीप कुमार के घर अक्सर घूमने जाया करते थे और काफी दिनों तक रुकते थे।
बात करने में घबराते थे नसीरुद्दीन शाह
दिलीप साहब और नसीरुद्दीन शाह ने इत्तेफाक से कर्मा फिल्म में एक साथ काम किया। फिल्म से जुड़े अपने अनुभव को साझा करते हुए अभिनेता ने बताया कि मुझे लगता है कि यही वह समय था, जब मुझे लगता है कि मैं अपने जीवन में एक्टिंग करते वक्त पहली बार नर्वस हुआ। मैं अक्सर उनसे बात करने में घबराता था।
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