मुंबई: शाहरुख खान के 23 वर्षीय बेटे आर्यन खान इस समय शायद अपने जीवन के सबसे बड़े सबक, इम्तिहान, उथल-पुथल और मुश्किल भरे दौर से गुजर रहे हैं। स्टारकिड को क्रूज पर ड्रग्स पार्टी के दौरान एनसीबी की रेड में हिरासत लिया गया और तब से उनकी मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। जमानत नहीं मिलने के बाद आखिरकार आर्यन को कैदी संख्या वाली पहचान भी मिल ही गई और अब उन्हें कैदी नंबर 'N956' के रूप में पहचाना जाएगा।
बॉलीवुड के किंग कहे जाने वाले शाहरुख खान के बेटे ने शायद कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उन्हें इतने चुनौती भरे दिन देखने होंगे। आलीशान बंगले मन्नत के ऐश-ओ-आराम में रहने वाला शाहरुख खान का बेटा अब मुंबई सेंट्रल जेल की चारदीवारी में कैद है और इंतजार है जमानत के साथ एक बार फिर खुली हवा में सांस लेने का। जो स्टारकिड्स कीमती कपड़ों और महंगी गाड़ियों को लेकर चर्चा में रहते हैं, उनमें से ही एक आर्यन के पिता शाहरुख ने उन्हें जेल की कैंटीन में खर्च के लिए 4500 रुपये का मनीआर्डर भेजा है।
दरअसल शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान ने गुरुवार को मुंबई सेंट्रल जेल (आर्थर रोड जेल) में एक सप्ताह पूरा कर लिया है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान जज ने मुंबई क्रूज ड्रग्स मामले में आर्यन की जमानत याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया और अब 23 वर्षीय स्टारकिड आर्यन कम से कम 20 अक्टूबर तक जेल में रहेंगे।
मुंबई ड्रग्स मामले के सभी आरोपियों को सुरक्षा कारणों से अन्य कैदियों से अलग बैरक में रखा गया है। कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार, आरोपी को बुधवार तक जेल के 'क्वारंटाइन सेल' में रखा गया लेकिन अब जब उनकी क्वारंटाइन अवधि समाप्त हो गई है तो सभी आरोपी कोविड-19 के नकारात्मक परीक्षण के बाद सामान्य बैरक में ट्रांसफर कर दिए गए हैं।
गुरुवार को आर्यन खान को कैदी संख्या का आवंटन भी हो गया। अब आर्थर रोड जेल में जमानत तक आर्यन खान की पहचान 'कैदी नंबर N956' की है। सुरक्षा कारणों से उनके बैरक नंबर का खुलासा नहीं किया गया है।
खाना और कपड़े: आर्यन खान को नियमित रूप से जेल का खाना मिल रहा है लेकिन वह इससे कतरा रहे हैं लेकिन विकल्प भी कुछ और नहीं बाहर से भोजन की अनुमति उन्हें नहीं है। कथित तौर पर आर्यन ज्यादातर समय बिस्किट खाकर समय काट रहे हैं।
4500 रुपये का मनीआर्डर: आर्थर रोड जेल अधिकारियों को आर्यन खान के परिवार यानी शाहरुख खान के घर से 11 अक्टूबर को 4,500 रुपये का मनीआर्डर मिला था। यह पैसा उनके कैंटीन के खर्च के लिए है। जेल के नियमों के अनुसार, एक कैदी को प्रति माह 4,500 रुपये के केवल एक मनीआर्डर की ही अनुमति होती है।
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