प्रकाश झा द्वारा निर्देशित आश्रम 2 वेब सीरीज एम एक्स प्लेयर पर रिलीज हुई है। एम एक्स प्लेयर एक ऐसा प्लेटफार्म है जहां मुफ्त में आप इसे देख सकते हैं। इस वजह से भी आश्रम 2 देखने वालों की तादाद अन्य वेब शोज से कहीं ज्यादा हो सकती है। आश्रम सीजन 1 के निर्माताओं ने यह दावा किया था कि पहले सीजन को भारत की लगभग एक-तिहाई आबादी यानी 396 मिलियन के करीब व्यूज मिले थे, जो अपने आप में एक बड़ी संख्या है। निश्चित रूप से यह कहा जा सकता है कि बॉबी देओल की आश्रम वेब सीरीज लोगों को पसंद आई थी।
अब बात करते हैं आश्रम 2 के कहानी की और इसके किरदारों के काम के बारे में और जानते हैं कि पहले सीजन की कहानी को दूसरा सीजन कितना आगे लेकर गया है।
तीसरे सीजन के लिए कई सवाल छोड़ जाती है कहानी (aasharam season 3 plot)
पहले सीजन के रिलीज के लगभग ढाई महीने बाद आश्रम 2 दर्शकों के बीच आई है। सीजन 1 की तरह इस सीजन को भी 9 एपिसोड के एक पैक के साथ रिलीज किया गया है। सीजन 2 की कहानी सीजन 1 से थोड़ा पेचीदा है। इस सीजन में कहानी बाबा निराला काशीपुर वाला यानी बॉबी देवल के अपराधों के इर्द-गिर्द घूमती है। इसकी कहानी बिल्कुल डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बलात्कार के आरोपी गुरमीत राम रहीम सिंह इंसा पर आधारित है।
पहले सीजन में कई सवाल थे जैसे, क्या पम्मी (अदिति पोहनकर) अपने परिवार पर किए गए हर जुल्म का बदला ले पाएगी? क्या सब इंस्पेक्टर उजागर सिंह (दर्शन कुमार) और डॉक्टर नताशा (अनुप्रिया गोयंका) बाबा को बेनकाब कर पाएंगे? क्या सीएम सुंदरलाल (अनिल रस्तोगी) फिर से सीएम बन पाएंगे? या फिर हुकुम सिंह (सचिन श्रॉफ) सीएम की दौड़ में आगे निकल जाएंगे।
दूसरा सीजन आपको सिर्फ उत्तरों के करीब ले जाता है लेकिन पूरे उत्तर नहीं देता क्योंकि यह सीजन आपको तीसरा सीजन देखने के लिए और भी ज्यादा उत्सुक कर देता है। इस सीजन की कहानी एक ऐसे मोड़ पर आकर खत्म होती है जहां हमें सवालों का जवाब जानने के लिए तीसरा सीजन देखना ही पड़ेगा।
हालांकि, सीजन 2 की कहानी पहले सीजन से थोड़ी ज्यादा कसी हुई है। इस कहानी में मैटेरियल ज्यादा है क्योंकि अब सब कुछ आश्रम के अंदर ही होता है। इस कहानी में आपको बाबा द्वारा अतीत में किए गए कई अपराधों को भी देखने और समझने का मौका मिलेगा।
कहानी में कई चीजें होती हैं जैसे उजागर सिंह आप अपने सबोर्डिनेट साधु शर्मा (विक्रम कोचर) के साथ मिलकर बाबा निराला से संबंधित एक हत्या के मामले की जांच तेज कर देता है। जिसके लिए वह आश्रम के अंदर भी पहुंच चुका है। अक्की (राजीव सिद्धार्थ) भी अपनी मां का बदला लेने के लिए आश्रम के अंदर जाने में कामयाब रहा है। पम्मी, बाबा की खतरनाक सच्चाई पता लगाने के लिए एक बड़ा कदम उठाने जा रही है।
किरदारों का काम कैसा है
इस सीजन में बॉबी देवल को ज्यादा स्क्रीन स्पेस मिला है। बाबा निराला का किरदार निभा रहे बॉबी देओल कई दृश्यों में अकेले देखे जा सकते हैं। हालांकि, पहले सीजन की तरह इस सीजन में भी बॉबी देओल एक नेगेटिव कैरेक्टर प्ले करने में थोड़े हल्के मालूम पड़ रहे हैं।
लेकिन चंदन रॉय सान्याल ने अपनी भूमिका बेहतरीन ढंग से निभाई है। भोपा स्वामी का किरदार निभा रहे चंदन अपने हर एक सीन में खतरनाक विलेन की छवि को बांधे हुए हैं। चाहे राजनेताओं के साथ करोड़ों का सौदा हो या बंदूक उठाने की बात, जब भी जरूरत होती है भोपा क्राइम सिंडिकेट को आध्यात्मिक संगठन की आड़ में बेहतरीन ढंग से चलाता है। कुल मिलाकर कहा जाए तो चंदन रॉय सान्याल अपने काम में बेहतरीन साबित हुए हैं।
अदिति पोहनकर की बात करें तो इस सीजन में उनके पास करने के लिए बहुत कुछ है। बाबा के विश्वासघात के बारे में जानने के बाद उनके प्रदर्शन में एक कमाल का ड्रैमेटिक सुधार देखा गया है।
अक्की यानी राजीव सिद्धार्थ का कैरेक्टर भी अपनी भूमिका बेहतरीन ढंग से निभाता है। राजीव एक छोटे से पत्रकार की भूमिका निभा रहे हैं जिसे अपनी मां की मौत का बदला लेना है और बाबा की सच्चाई दुनिया को बतानी है। इस किरदार का काम सराहनीय है।
कुछ कमियों को छोड़ दें तो आश्रम का दूसरा सीजन देखा जा सकता है। कुल मिलाकर कहा जाए तो यह सीजन आपको तीसरे सीजन के लिए और उत्सुक बना देता है, जिसके लिए हमें प्रकाश झा को बधाई देनी चाहिए।
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