Badhai Do Movie Review: कोरोना की तीसरी लहर के कारण कई बड़ी फिल्मों ने अपनी रिलीज डेट टाल दी है। वहीं, कई ओटीटी प्लेटफॉर्म की तरफ रुख कर रहे हैं। अब थिएटर खोलने के बाद राजकुमार राव और भूमि पेडनेकर की फिल्म बधाई दो 11 फरवरी को रिलीज हो गई है। ये फिल्म साल 2018 में आई नेशनल अवॉर्ड विनिंग फिल्म बधाई हो का सीक्वल है। बधाई हो की कहानी ओल्ड एज प्रग्नेंसी पर आधारित थी। वहीं, बधाई दो में गे और लेस्बियन किरदारों की चुनौती पर बात करती है।
कहानी (Badhai Do Plot)
सुमि (Bhumi Pednekar) एक पीटी टीचर है और शार्दुल (Rajkumar Rao) एक पुलिस ऑफिसर इससे अलग दोनों की पहचान है कि वे समलैंगिक हैं। दोनों उत्तराखंड के ऐसे परिवारों से ताल्लुक रखते हैं, जहां वे समाज में खुलकर अपनी सेक्शुएलिटी जाहिर नहीं कर सकते हैं। दोनों पर ही उनके घरवाले शादी के लिए दबाव बना रहे हैं। आखिर में दोनों शादी के लिए राजी हो जाते हैं। हालांकि, ये एक समझौते वाली शादी होती है। हालांकि, दोनों शादी की आड़ में अपनी पसंद के पार्टनर के साथ जिंदगी बीताएंगे। शार्दुल सुमि को तैयार करता है और शादी हो भी जाती है, लेकिन इसके बाद घरवाले बच्चे पैदा करने का दबाव डालने लगते हैं। अब क्या सुमी और शार्दुल समाज के चक्रव्यूह को भेदकर अपना सच सामने ला पाएंगे, यदि हां तो किस तरह से ये सब जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
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एक्टिंग और डायरेक्शन
राजकुमार राव और भूमि पेडनेकर की एक्टिंग ही फिल्म का मुख्य आकर्षण है। समलैंगिक किरदार में दोनों ने साबित कर दिया कि क्यों उनकी गिनती इस जनरेशन के सबसे टैलेंटेड एक्टर्स में से एक हैं। फिल्म के सपोर्टिंग कास्ट की बात करें तो भूमि की पार्टनर चुम दरंग ने रोमांटिक सीन को बेहतरीन परफॉर्म किया है। वहीं, राजकुमार राव के पार्टनर गुलशन देवैया इस फिल्म का एक सरप्राइज पैकेज हैं। वहीं, सीमा पाहवा, नितेश पांडे, शीबा चड्ढा और लवलीन मिश्रा ने फिल्म की कहानी को बखूबी आगे बढ़ाया है।
बधाई हो को अमित रविंद्रनाथ शर्मा ने डायरेक्ट किया था। बधाई दो हर्षवर्धन कुलकर्णी के डायरेक्शन में बनी है। बधाई हो के राइटर अक्षत घिलडियाल ने सुमन अधिकारी और हर्षवर्धन कुलकर्णी के साथ फिल्म की कहानी लिखी है। डायरेक्टर ने फिल्म के जरिए मिडिल क्लास परिवार की सोच को बेहद चुटीले अंदाज में दिखाया है। फिल्म की कहानी धीमे-धीमे आगे बढ़ती है लेकिन, जैसे-जैसे आगे बढ़ती है तो कई गुत्थियां सुलझने लगती है।
क्यों देखें फिल्म
एलजीबीटी के मुद्दों से जुड़ी कई बॉलीवुड फिल्में और वेब सीरीज आ चुकी है। लेकिन, बधाई दो जहां एक तरफ समाज के स्टीरियोटाइप को तोड़ती है। वहीं, हंसते और हंसाते हुए इस मुद्दे को एक नया नजरिया भी देती है। इसके अलावा ये समलैंगिकता को मुख्यधारा में जोड़ने की कोशिश करती है।
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