JugJugg Jeeyo Movie Review In Hindi: वरुण धवन और कियारा आडवाणी की फिल्म जुग जुग जियो आज यानी 24 जून 2022 को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। फिल्म अनाउंसमेंट के बाद से चर्चा में बनी हुई थी। इसमें जहां पहली बार पर्दे पर वरुण धवन और कियारा आडवाणी की जोड़ी देखने को मिल रही है तो वहीं नीतू कपूर ने भी लंबे समय बाद इस फिल्म से सिल्वर स्क्रीन पर वापसी की है। जानें कैसी है ये फैमिली ड्रामा फिल्म।
कैसी है फिल्म की कहानी
फिल्म की कहानी कुक्कू (वरुण धवन) और नैना (कियारा आडवाणी) के आसपास घूमती है। दोनों एक दूसरे को लंबे समय से पसंद करते हैं और शादी कर लेते हैं। लेकिन शादी के बाद उनकी जिंदगी में परेशानियां शुरू हो जाती हैं और इन्हीं परेशानियों के चलते दोनों अलग होने का फैसला कर लेते हैं। दोनों के लिए अब सबसे बड़ा चैलेंज है इस फैसले को अपने परिवार को बताना, खासतौर पर कुक्कू के परिवार को बताना उनके लिए सबसे बड़ा चैलेंज है क्योंकि कुक्कू की छोटी बहन गिन्नी (प्राजक्ता कोली) की शादी होने वाली है। फिल्म में इंडियन फैमिली से जुड़े लगभग हर मुद्दे को छूने और उसमें ह्यूमर डालने की कोशिश की गई है। औरतों का शादीशुदा लड़की से गुड न्यूज के बारे में पूछना तो एक यंग लड़की का ऐसे लड़के से शादी करना जिससे वो प्यार नहीं करती, लेकिन सेटल होना चाहती है शादी कर रही है। फिल्म में कहानी में मजेदार ट्विस्ट देखने को मिलता है और ये कहानी दिलचस्प हो जाती है।
(फिल्म जुग जुग जियो का ट्रेलर)
क्यों देखें फिल्म
फिल्म में सभी एक्टर्स ने अपने रोल के साथ इंसाफ किया है। वरुण और कियारा के बीच प्यार से लेकर तकरार तक को सही तरीके से पर्दे पर उतारा गया है। तो वहीं अनिल कपूर और वरुण धवन भी पिता और बेटे के रोल में बहुत अच्छी केमिस्ट्री शेयर करते हैं। दोनों के बीच बातचीत में कई डायलॉग काफी मजेदार और गुदगुदाने वाले हैं। वहीं अनिल कपूर जब जब पर्दे पर आते हैं अपनी बेहतरीन एक्टिंग से दिल जीत लेते हैं तो वहीं लंबे समय बाद बड़े पर्दे पर नीतू कपूर को देखना अच्छा लगता है। वहीं मनीष पॉल भी फिल्म में अपने रोल को बेहतर तरीके से निभाते हैं। बात करें प्राजक्ता कोली की तो उन्होंने कान्फिडेंटली अपना बॉलीवुड डेब्यू किया है और फिल्म में अच्छी लग रही हैं। वहीं फिल्म में मस्ती मजाक के साथ साथ इमोशनल सीन भी हैं जो दर्शकों के दिलों को छू जाते हैं।
कैसी है फिल्म
फिल्म एक फैमिली ड्रामा है जिसे राज मेहता ने बखूबी पर्दे पर दिखाने की कोशिश की है। फिल्म भटकी हुई नहीं लगती और सभी मुद्दों को सही तरीके से दिखाने की कोशिश की गई है। फिल्म खिंची हुई और बोरिंग नहीं है। दर्शकों को इंतजार रहता है कि कहानी में आगे क्या होने वाला है। वहीं नाच पंजाबन समेत इसके गाने भी जुबां पर चढ़ जाते है। इसे थियेटर में एक बार देखा जा सकता है।
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