Major Movie Review and Rating in Hindi: साल 2008 में मुंबई में हुए धमाकों ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। इस 26/11 के हमलों को पर्दे पर कई तरीकों से दर्शकों तक पहुंचाने की कोशिश की गई है। दर्शक उस दिन हुई घटना के बारे में सब कुछ जानना चाहते हैं और यही कारण है कि इसपर अब तक कई फिल्में बन चुकी हैं। अब एक्टर अदीवी सेष की फिल्म मेजर भी रिलीज हो गई है। फिल्म की कहानी मुंबई हमले में शहीद हुए आर्मी अफसर संदीप उन्नीकृष्णन की जिंदगी पर आधारित है। फिल्म में अदीवी उनका रोल प्ले करते दिख रहे हैं। मेजर संदीप उन्नीकृष्णन बचपन से ही सेना में जाना चाहते थे और देश के लिए उन्होंने अपनी जान तक गंवा दी।
कैसी है फिल्म की कहानी
फिल्म की कहानी की शुरुआत होती है एक ऐसे बच्चे की जिंदगी से जो देश के लिए कुछ करना चाहता है और उसने बचपन में ही ये फैसला कर लिया है। फिल्म में दिखाया गया है कि किस तरह मेजर संदीप जिंदगी में वही करते हैं जो वो हमेशा से करना चाहते थे। देश सेवा करने का जज्बा रखने वाले संदीप किस तरह आर्मी अफसर बनते हैं और मुंबई के ताज होटल में हुए हमले के दौरान देश सेवा करते हुए व लोगों की जान बचाते हुए अपनी जिंदगी गंवा देते हैं। फिल्म में संदीप की जिंदगी को बेहतरीन तरीके से दिखाया गया है। मालूम हो कि संदीप ने जब ताज होटल में हुए हमले में अपनी जान गंवाई उस समय उनकी उम्र केवल 31 वर्ष थी।
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क्यों देखें फिल्म
फिल्म में मुंबई हमले के उस काले दिन के बारे में बेहतरीन तरीके से दिखाया गया है जिसे हमेशा इतिहास में याद रखा जाएगा। फिल्म में दिखाया गया है कि देश सेवा में लगे एक जवान के लिए अपने काम और परिवार दोनों को साथ लेकर चलना कितना मुश्किल होता है। किस तरह एक जवान के साथ- साथ उनका परिवार भी कई त्याग करता है और हिम्मत दिखाता है। हालांकि फिल्म कई जगह कनेक्ट करने में असफल साबित होती है। फिल्म में मेजर संदीप की ट्रेनिंग के बाद सीधे उन्हें अफसर के तौर पर दिखाना अखरता है और इस वजह से दर्शक हीरो से कनेक्ट नहीं कर पाते। फिल्म का फर्स्ट हाफ स्लो है जिसमें सुधार की काफी गुंजाइश है, लेकिन वहीं इसका सेकंड हाफ दर्शकों को बांधे रखता है। मेजर संदीप (अदीवी) जब जब पर्दे पर आते हैं दर्शकों का दिल जीत लेते हैं।
दमदार है एक्टिंग और एक्शन सीन
फिल्म में कई जगह कुछ चीजें काफी बचकाना लगती हैं जिन्हें देखकर दर्शक निराश हो सकते हैं लेकिन इससे इतर एक्टर अदीवी, शोभिता धुलिपाला ने अपने रोल के साथ इंसाफ किया है। ताज में फंसे लोगों के चेहरों पर दिखाई दे रहे डर से लेकर आतंकियों के बीच चल रही बातचीत दर्शकों की धड़कने बढ़ाए रखती हैं। फिल्म का सेकंड हाफ रोमांच बनाए रखता है। अगर आप मुंबई में हुए उस हमले के बारे में और बेहतर तरीके से जानना चाहते हैं तो ये फिल्म सिनेमाघरों में देख सकते हैं।
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