Suraj pe mangal bhari Review:द‍िवाली पर आया कॉमेडी बम, द‍िलजीत-फात‍िमा संग मनोज वाजपेयी का अवतार कर देगा दंग

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Suraj pe mangal bhari Movie Review : अभिषेक शर्मा द्वारा निर्देशित सूरज पे मंगल भारी फिल्म में फातिमा सना शेख, दिलजीत दोसांझ और मनोज वाजपयी ने अभिनय किया है। फ‍िल्‍म द‍िवाली के मौके पर स‍िनेमाघरों में आ रही है।

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Suraj pe mangal bhari Movie Review  |  तस्वीर साभार: Twitter

सिनेमाघरों में पिछले कई महीनों से बॉलीवुड का सूर्योदय नहीं हो पा रहा था, क्योंकि कोरोनावायरस महामारी ने बॉलीवुड की कुंडली में मंगल और शनि दोनों भारी कर दिए थे। हालांकि, अब इसे दूर करने अभिषेक शर्मा की फिल्म सूरज पे मंगल भारी 15 तारीख को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है। फिल्म ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर 13 तारीख को रिलीज हो चुकी है।

तेरे बिन लादेन और परमाणु जैसी सुपरहिट फिल्में देने वाले अभिषेक शर्मा की यह कॉमेडी फिल्म कितनी बेहतर है, हम आपको इस रिव्यू में बताएंगे। हालांकि, साल 2019 में आई उनकी फिल्म द जोया फैक्टर बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं कर पाई थी।

90 के दशक वाली फिल्म की कहानी
फिल्म की कहानी मुंबई में रहने वाले मंगल राणे यानी मनोज बाजपेई और सूरज यानी दिलजीत दोसांझ के इर्द-गिर्द घूमती नजर आती है। 
दरअसल मंगल राणे एक शादी जासूस होता है जिसका काम होता है दूल्हे की जासूसी करना और उसमें कमियां निकालना। मंगल अब तक 49 संभावित शादियों को तोड़ चुका है, जिसमें एक शादी दिलजीत दोसांझ यानी सूरज की भी है। सूरज इस बात से गुस्सा है और अपना बदला निकालने के लिए वह मंगल की बहन तुलसी यानी फातिमा सना शेख को अपने प्यार के जाल में फंसाने की कोशिश करता है। लेकिन फिल्म में फातिमा सना शेख का एक अलग ही रहस्य है, जो आपको आगे कहानी में पता चलेगा।

अभिषेक शर्मा का काम और फिल्म के अंदर की बात
तेरे बिन लादेन और परमाणु जैसी सुपरहिट फिल्म को छोड़ दिया जाए तो उनकी बाकी की फिल्में आलोचकों को ज्यादा खुश नहीं कर पाती। लेकिन सूरज पे मंगल भारी फिल्म आपको संतुष्ट महसूस कराएगी। यह आसान सी फिल्म आपको एंटरटेन करेगी और आपका पूरा टाइम पास होगा। फिल्म कहीं भी आपके दिमाग को उलझने नहीं देती। जो आजकल ज्यादातर बॉलीवुड फिल्मों में देखने को मिलता है। अभिषेक शर्मा का निर्देशन भी उनकी बाकी फिल्मों की तरह अच्छा है।

हालांकि, फिल्म में म्यूजिक उतना अच्छा नहीं है। एडिटिंग थोड़ी सी और शार्प होनी चाहिए थी। मूवी का रनटाइम ज्यादा है इसे कम से कम 20 मिनट और कम होना चाहिए था। खासतौर पर क्‍लाइमैक्‍स ख‍िंचा हुआ लगता है। सिनेमैटोग्राफी भी आपको ठीक-ठाक देखने को मिलेगी। अगर आप फिल्म को बारीकी से देखेंगे तो आपको कई कमियां नजर आ सकती हैं। लेकिन फिल्म को सिर्फ फिल्म की तरह देख कर चले आएंगे तो यह फिल्म आपको सुकून देती नजर आएगी। जैसे की फिल्म 90 के दशक की है तो आपको काली-पीली टैक्सी, फिएट या अंबेसडर गाड़ियां देखने को मिली चाहिए थी जो फिल्म से नदारद थीं। वहीं एक सीन में सूरज बच्चों के साथ डब्ल्यूडब्ल्यूएफ कार्ड गेम खेलता नजर आ रहा है, लेकिन आपको पता है उस समय यह गेम नहीं आया था।

किरदारों का काम
फिल्म में फातिमा सना शेख, सुप्रिया पिलगांवकर, मनोज पाहवा, सीमा पाहवा, अन्नू कपूर और विजय राज ने अच्छा काम किया है। मनोज बाजपेई ने अपने काम से एक बार फिर साबित कर दिया कि वह किसी भी रोल में अपना बेस्ट दे सकते हैं। जबकि दिलजीत दोसांज 2019 में आई अपनी फिल्म गुड न्यूज़ के बाद इस फिल्म में भी दर्शकों की उम्मीदों पर खरे उतर रहे हैं। फिल्म में सुप्रिया पिलगांवकर का काम भी बेहतरीन है। वह इतनी बबली हैं क‍ि पर्दे पर मनोज की मम्‍मी के क‍िरदार के ल‍िए काफी यंग द‍िखती हैं। दिलजीत दोसांझ के साथ फातिमा सना शेख की केमिस्ट्री काम करती नजर आ रही है।

कुल मिलाकर कहा जाए तो फिल्म सूरज पे मंगल भारी एक सिंपल और मजेदार फिल्म है जिसे आप आराम से और सुकून से देख सकते हैं।
 

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