Farhan Akhtar starrer Toofaan Movie Review in Hindi: कोरोना का खतरा टला नहीं है। हर तरफ से तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है। लॉकडाउन के दौरान बंद हुए सिनेमाघर अनलॉक में खुलने तो लगे हैं लेकिन ना तो दर्शक वहां पहुंच रहे और ना ही मेकर्स स्क्रीन पर फिल्में रिलीज का जोखिम उठाना चाहते हैं। ऐसे में दर्शकों के सामने ओटीटी प्लेटफॉर्म का सहारा है। कुछ मेकर्स भी हालात सामान्य होने का इंतजार ना करते हुए ओटीटी पर फिल्मों को रिलीज कर रहे हैं।
इसी कड़ी में बॉलीवुड एक्टर फरहान अख्तर की बहुप्रतीक्षित फिल्म तूफान अमेजन प्राइम वीडियोज पर रिलीज हो चुकी है। यह फिल्म अमेजन प्राइम पर 240 से अधिक देशों और क्षेत्रों में प्रीमियर की जाएगी। इस फिल्म में फरहान का रोल बेहद खास है। वह डोंगरी के एक ऐसे गुंडे का रोल निभा रहे हैं जो एक राष्ट्रीय स्तर के मुक्केबाज बनने का सफर तय करता है। यह कहानी प्रेरक होगी और जुनून-जज्बे से भरी है।
ऐसी है कहानी (Toofaan Movie Story)
अनाथालय में पला अज्जू उर्फ अजीज अली (फरहान अख्तर) डोंगरी का एक गुंडा है। वह दिल का अच्छा है और हालातों ने उसे ऐसा बनाया है। अजीज जब डॉक्टर अनन्या प्रभु (मृणाल ठाकुर) से मिलता है तो उसकी जिंदगी नई राह पर चलने लगती है। दोनों एक दूसरे को प्यार करने लगते हैं। यहां मुस्लिम बॉक्सर और हिंदी डॉक्टर की प्रेम कहानी को दिखाने का रिस्क मेकर्स ने लिया है। डोंगरी का गुंडा अज्जू बॉक्सर अजीज अली बनने की ठान लेता है। कोच नाना प्रभु (परेश रावल) उसकी इस जिद को पूरा करने में उसका साथ देते हैं। फिल्म ‘तूफान’ एक मुक्केबाज के सब कुछ खो देने के बाद वापसी करने की कहानी है। कहानी डोंगरी से निकलकर महाराष्ट्र की मुख्यधारा में आने के बाद दिल्ली तक जाती है। खेल संघों में होने वाले भ्रष्टाचार को दिखाती है।
एक्टिंग और डायरेक्शन
ओम प्रकाश मेहरा ने इस कहानी को जबरदस्त अंदाज में पेश किया है जो दर्शकों को जोड़े रखती है। प्रोड्यूसर रितेश सिधवानी, फरहान और राकेश की इस फिक्शन स्टोरी फिल्म के स्क्रिप्ट को अंजुम राजाबली ने तैयार किया है। पटकथा ऐसी है कि कहीं भी फिल्म खटकती नहीं है। डायलॉग भी काफी प्रभावित करते हैं। राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने मौजूदा दौर के हिसाब से ही कहानी चुनी है। फिल्म में कॉमेडी है, मसाला है। फरहान अख्तर ने बढ़िया अभिनय किया है। चाल- ढाल से लेकर बोलचाल तक में फरहान की मेहनत साफ नजर आती है।
मृणाल हमेशा की तरह क्यूट नजर आई हैं और परेश रावल तो जैसे हर किरदार में उतर ही जाते हैं। फिल्म में सुप्रिया पाठक कपूर और हुसैन दलाल जैसे सितारे हैं जिनकी उपस्थिति ने फिल्म को मजबूती दी है। फिल्म के गाने, म्यूजिक भी अच्छा है। गाना गहरे अंधेरे दिल को छूता है। इसके बोल जावेद अख्तर ने लिखे हैं जबकि विशाल ददलानी ने आवाज दी है। यह एक बार जरूर देखी जाने वाली फिल्म है। यह हौसले की कहानी है, संघर्ष की कहानी है जो हो सकता है आपको भी कुछ नया करने की प्रेरणा दे जाए।
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