Ramayan ke 33 Saal: रामानंद सागर के धारावाहिक रामायण को 33 साल पूरे हो चुके हैं। 25 जनवरी 1987 को इस धारावाहिक का पहला एपिसोड प्रसारित हुआ था। रामायण में जिन एक्टर्स ने रोल निभाए, वह हमेशा हमेशा के लिए अमर हो गए। इस सीरियल में भगवान राम का रोल निभाने वाले अरुण गोविल को लोग वास्तव में राम समझने लगे थे और दीपिका दीपिका चिखलिया को माता सीता।
इस धारावाहिक ने ना जाने कितने एक्टर्स को सफलता की बुलंदियों पर पहुंचाया। इसी सीरियल में रावण का रोल निभाकर अरविंद त्रिवेदी ने खासी लोकप्रियता बटोरी थी। अरविंद त्रिवेदी ने पहाड़ से शरीर और गरजती आवाज दर्शकों को डरा देती थी। उन्हें देखकर ऐसा लगता था जैसे असल में रावण में उन्हीं की तरह रहा होगा।
भाई के नक्शेकदम से रावण तक का सफर
अरविंद त्रिवेदी को रामलीला देखने का बहुत शॉक था। वह अक्सर रामलीला में जाया करते थे। उनके बड़े भाई उपेंद्र त्रिवेदी गुजराती थियेटर के जाने माने आर्टिस्ट रहे। उनके कदमों पर चलकर ही वह अभिनय की दुनिया में आए। आइये जानते हैं 81 साल के हो चुके अरविंद त्रिवेदी को उस समय कैसे मिला था रावण का रोल।
300 कलाकारों के ऑडिशन के बाद मिला रोल
रामानंद सागर ने रावण के किरदार के लिए करीब 300 कलाकारों का ऑडिशन लिया था। जब ऑडिशन के लिए अरविंद त्रिवेदी आए और उन्होंने अपना हुनर दिखाया तो वह फाइनल हो गए। रामानंद सागर ने वहीं ऐलान कर दिया कि तुम रावण बनोगे। अरविंद त्रिवेदी रामायण के अलावा कई सारे टीवी सीरियल्स और फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं।
राजनीति में आजमाया हाथ
अरविंद मूल रूप से मध्य प्रदेश के शहर इंदौर से ताल्लुकात रखते हैं लेकिन उनका जीवन गुजरात में बीता। 8 नवंबर 1937 को पैदा हुए अरविंद त्रिवेदी 81 साल के हो चुके हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि असल जिंदगी में भगवान राम के अनन्य भक्त हैं और राजनीति में भी हाथ आजमा चुके हैं।
1991 में गुजरात से बने सांसद
वह साल 1991 में गुजरात के साबरगाठा जिले से सांसद चुने गए थे। उन्होंने विक्रम और बेताल जैसे सीरियल में भी काम किया वहीं उन्होंने गुजराती और हिंदी की करीब 250 फिल्मों में काम किया है। अरविंद ने रामायण के बाद विश्वामित्र नाम का धाराहवाहिक में भी काम किया।
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