मुंबई. एंड टीवी का पॉपुलर टीवी शो भाबीजी घर पर है पिछले पांच साल से दर्शकों को गुदगुदा रहे हैं। इन दिनों विभूति नारायण (आसिफ शेख) अंगूरी (शुभांगी) को इंप्रेस करने के लिए नया पैंतरा आजमा रहे हैं। विभूति नारायण शास्त्री संगीत गायक बने हुए हैं।
बीते एपिसोड की शुरुआत में अंगूरी भाभी विभूति से कहती हैं कि वह लोगों को चाकू लेकर डरा रहे हैं। उन्होंने मनमोहन तिवारी को भी चाहू से धमकाया है। विभूति उने कहते हैं कि वह चाकू राग का रियाज कर रहे हैं। इस गाने के लिए चाकू को पकड़ना होता है।
अंगूरी विभूति से कहती हैं कि वह उन्हें सुनना नहीं चाहती हैं। मास्टरजी विभूति को बताते हैं कि सुबह सुरेश शास्त्री जी का निधन हो गया है। विभूति याद करते हुए रोने लगते हैं कि उन्हें गुरु दक्षिणा देनी है।
भाग जाता है विभूति
विभूति टिल्लू , टीका और मलखान के साथ रियाज करते हैं। वह बताते हैं कि वह पंडित सुरेश शास्त्रीजी की याद में गाना गा रहे हैं। हप्पू सिंह तभी आते हैं और विभूति को गिरफ्तार कर लेते हैं।
टिल्लू , टीका, मलखान बताते हैं कि विभूति उन्हें गाने सिखाने के नाम पर घर का काम-काज करवाता है। हालांकि, विभूति हप्पू सिंह के चंगुल से छूटने में कामयाब हो जाता है और भाग जाता है।
तिवारी ने वापस ली कंप्लेंट
विभूति नारायण इसके बाद तिवारी के घर पर जाता है और धमकी देता है कि अगर तिवारी ने अपनी शिकायत वापस नहीं ली तो वह अंगूरी को नुकसान पहुंचाएगा। तभी हप्पू सिंह आ जाता है। तिवारी हप्पू सिंह को बताता है कि उनकी मां ने बताया था कि पड़ोसी उन्हें नुकसान पहुंचाएगा।
अम्माजी फोन करती हैं और बताती हैं कि पंडित रामफल ने किसी दूसरे की कुंडली देख ली थी। विभूति उनके लिए बिल्कुल भी खतरा नहीं है। इसके बाद तिवारी अपनी शिकायत वापस ले लेता है।
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