लोकप्रिय सीरियल 'मन की आवाज: प्रतिज्ञा' (Mann Kee Awaaz Pratigya) छोटे परदे का सुपर डुपर हिट शो रहा है। दर्शकों को इसकी कहानी खूब पसंद आई थी और सीरियल ने 2009 से 2012 तक सबका खूब मनोरंजन किया। अब मन की आवाज: प्रतिज्ञा शो का दूसरा सीजन ऑनएयर हो चुका है। मन की आवाज: प्रतिज्ञा-2 का उद्देश्य सामाजिक कुप्रथाओं एवं कुरीतियों के बारे में सोच बदलने का है। इस नए सीजन में फिर एक बार दर्शकों को मुख्य कलाकार पूजा गौर ( Pooja Gaur), अरहान बहल ( Arhaan Behll) और अनुपम श्याम (Anupam Shyam) देखने को मिल रहे हैं।
मन की आवाज: प्रतिज्ञा-2 यानि कि नया सीजन महिला सशक्तिकरण का संदेश देगा। पूजा गौर एक वकील का किरदार निभा रही हैं जो महिलाओं के पक्ष में बात रखेंगी। सज्जन सिंह का वही भरपूर स्वैग और कृष्णा की दबंगई दर्शकों को देखने के लिए मिल रही है। हालांकि इसबार सज्जन सिंह बदले मिजाज में नजर आ रहे। क्योंकि मन की आवाज-प्रतिज्ञा 2 के असली विलेन अब सज्जन सिंह नहीं हैं!
इसबार अनुपम श्याम के किरदार में थोड़ी नर्मी और समझदारी देखने को मिल रही है। उनका किरदार ग्रे शेड है। 'मन की आवाज प्रतिज्ञा' सीजन 2 में छोटे परदे के दिग्गज अभिनेता चेतन हंसराज खलनायक की भूमिका में नजर आ रहे हैं। चेतन हंसराज शो में इलाके के बाहूबली बलवंत त्यागी की भूमिका निभा रहे हैं।
जानें कहां खत्म और कहां शुरू हुई मन की आवाज: प्रतिज्ञा की कहानी
मन की आवाज: प्रतिज्ञा सीजन 2 में अब प्रतिज्ञा और कृष्णा मां बाप बन चुके है। भले ही दोनों में अटूट प्यार हो, लेकिन दोनों की सोच और बात को समझने के तरीके अभी भी अलग हैं। इसीलिए एक बार फिर टीवी स्क्रीन पर हमें दो अलग अलग विचारधाराओं की लड़ाई हमें देखने वाली है।
बेटी को जन्म देती है प्रतिज्ञा
जैसा कि पहले सीजन की कहानी में आपने देखा। ये 2 परिवारों ठाकुर एवं सक्सेना के बीच आसपास घूमती रहती है। ठाकुर परिवार पूरे इलाहाबाद में अपनी शक्ति का लोहा मनवाता है और सदा औरतों को अपने पैरों नीचे दबाए रखना चाहता है। लेकिन ठाकुर परिवार के लड़के कृष्णा (अरहान बहल) को प्रतिज्ञा सक्सेना (पूजा गौर) से प्यार हो जाता है। इच्छा ना होते हुए भी प्रतिज्ञा को उससे विवाह करना पड़ता है। बदले में प्रतिज्ञा का भाई आदर्श सक्सेना, कोमल(कृष्णा की बहन) से शादी कर लेता है। शादी के कुछ समय बाद प्रतिज्ञा को कृष्णा से लगाव हो जाता है। बाद में सीरियल में कई उतार चढ़ावा आते हैं और इस तरह से प्रतिज्ञा-कृष्णा का कहानी आगे बढ़ती है। कहानी की अंत प्रतिज्ञा के मां बनने के साथ होता है। प्रतिज्ञा प्रेग्नेंट होती है और वो एक लड़की को जन्म देती है। पूरा परिवार जन्म मनाता है और इसी के साथ कहानी का अंत होता है।
बलवंत ने की बदला लेने की प्रतिज्ञा
कृष्णा का भाई और प्रतिज्ञा के जेठ शक्ति के दो पुत्र समर और गिरीश हैं। जो कि कृष्णा और प्रतिज्ञा के बेटे गर्व से बहुत जलन रखते हैं। कहानी में नफरत किस हद तक है ये तब देखने को मिलता जब समर और गिरीश, गर्व को एक कार में बंद कर देते हैं, जिसमें ब्रैक नहीं होते। नतीजा यह होता है कि एक्सीडेंट में बलवंत त्यागी के यंग बेटे की मौत हो जाती है। गर्व, कृष्णा को बताता है लेकिन दोनों इसे प्रतिज्ञा से छिपाते हैं। अपने बेटे के निधन से दुखी होकर बलवंत अब उन लोगों से बदला लेने की शपथ लेता है जिन्होंने उसके बेटे को मार डाला। बलवंत अपने बेटे की मौत की कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए प्रतिज्ञा को एक वकील के रूप में काम पर रखता है। वहीं, कृष्णा परिवार से सच्चाई छिपाता है और उन सभी सबूतों को नष्ट करने की कोशिश करता है जो गर्व के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं। लेकिन अब आखिर कब तक सच्चाई छुपती।
कैसे इस चुनौती का सामना करेगी प्रतिज्ञा
प्रतिज्ञा को हादसे के बारे में पता चल चुका है लेकिन अब उसके सामने मां और वकील दोनों की जिम्मेदारी है। इधर सज्जन सिंह और कृष्णा एक तरफ हैं वहीं प्रतिज्ञा दूसरी तरह सच उजागर करने में लगी है। अब देखना ये कि आखिर प्रतिज्ञा कैसे परिवार और प्रोफेशन की इस चुनौती का सामना करेगी।
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