जब भाबीजी घर पर हैं के 'कमिशनर साहब' किशोर भानुशाली को देखकर बोले थे देवानंद- 'भाई मुझे भी फिल्में दिला दो'

बॉलीवुड के सदाबहार एक्टर देव आनंद का आज बर्थडे है। भाबीजी घर पर हैं के कमिशनर रेशम पाल सिंह यानी किशोर भानुशाली को देव आनंद का डुप्लीकेट कहा जाता है। जानिए किशोर और देव आनंद की मुलाकात का किस्सा...

Dev Anand, Kishore Bhanushali
Dev Anand, Kishor Bhanushali 
मुख्य बातें
  • देव आनंद का आज 97वां बर्थडे है।
  • भाबीजी घर पर हैं के कमिशनर साहब यानी किशोर भानुशाली को देव आनंद का डुप्लीकेट कहा जाता है।
  • दिल फिल्म देखने के बाद देव आनंद ने किशोर को अपने ऑफिस में बुलाया था।

मुंबई. भारत के ग्रेगरी पेक यानी देव आनंद का आज 97वां बर्थडे हैं। देव आनंद की स्टाइल को कई एक्टर ने कॉपी करने की कोशिश की है लेकिन, जिस एक्टर को देव आनंद का डुप्लीकेट कहा गया वह हैं किशोर भानुशाली। किशोर भानुशाली सीरियल भाबीजी घर पर हैं में कमिशनर रेशमपाल सिंह का किरदार निभा रहे हैं। 

किशोर भानुशाली ने अपने करियर की शुरुआत साल 1989 में फिल्म लशकर से की थी। इसके बाद उन्होंने दिल, गोपी किशन, करण अर्जुन जैसी कई बड़ी फिल्मों में काम किया। दिल फिल्म के बाद खुद देव आनंद ने किशोर भानुशाली को मिलने के लिए बुलाया था।

बीबीसी से बातचीत में किशोर भानुशाली ने बताया- दिल फिल्म के बाद मैं देव साहब के ऑफिस गया था। वे उस दिन बड़े मज़ाक के मूड में थे। उन्होंने मुझे देखा और अपने अंदाज में कहा- 'किशोर नाम है न ? दिल' देखी है मैंने और मुझे ऐसा लगता है कि मुझे आपकी कॉपी करनी पड़ेगी। 


नहीं देखी थी देव आनंद की फिल्में
किशोर भानुशाली बताते हैं कि देव आनंद ने मुझसे पूछा- 'अब कितनी फिल्में हैं तुम्हारे पास? मैने बताया करीब 8-10 फिल्में होंगी। ये सुनते ही देवानंद साहब बोले कि मेरे पास दो ही फिल्में हैं, मुझे कुछ फिल्में दिलाओ।' 

किशोर ने इसी इंटरव्यू में बताया कि- 'पहले मैंने देव आनंद की कोई भी फिल्में नहीं देखी थी। फिल्म कटी पतंग के दौरान वह पांच-छह साल के थे। वह वक्त राजेश खन्ना का था। हालांकि, फिर किसी ने कहा कि तुम्हारी शक्ल देव आनंद से मिलती है। मैंने कहा ये देव आनंद कौन है, मैं नहीं जानता।'

10 साल तक किया संघर्ष 
भाबीजी घर पर हैं के एक्टर ने बताया कि उन्होंने 'ज्वेल थीफ' और 'ये गुलिस्तां हमारा' देखी। फिल्म में देव आनंद को देखकर मैंने कहा कि वाकई हमारी शक्ल काफी मिलती है। इसके बाद आईने के सामने खड़ा हुआ, शर्ट का बटन बंद किया और गर्दन हिलाई। ये आज तक हिल रही है।'  


 
किशोर भानुशाली को फिल्म इंडस्ट्री में 10 साल तक संघर्ष करना पड़ा। आखिर में जब उन्हें कोई रोल नहीं मिला तो गुजरात वापस लौट आए और अपने फैमिली बिजनेस में लगने का फैसला किया। इसी दौरान उन्हें एक वीडियो फिल्म का ऑफर आया। इसके बाद रामगढ़ के शोले और दिल ने उनकी किस्मत बदल दी। 

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