आमतौर पर अहोई अष्टमी का व्रत संतान प्राप्ति के लिए रखा जाता है लेकिन अपनी संतान की लंबी आयु के लिए गर्भवती महिलाएं भी यह व्रत रख सकती हैं। लेकिन गर्भवती महिलाओं के लिए अहोई अष्टमी के व्रत के नियम अलग होते हैं। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अपनी सेहत का खास ध्यान रखना पड़ता है। इसके अलावा हेल्दी डाइट के साथ अधिक देर तक खाली पेट रहने के लिए भी मना किया जाता है। यही कारण है कि अहोई अष्टमी का व्रत गर्भवती महिलाओं की सेहत के लिए ठीक नहीं होता है।
लेकिन इसके बावजूद कुछ महिलाएं अपनी संतान की सुख समृद्धि और दीर्घायु के लिए यह व्रत रखती हैं। इस वर्ष अहोई अष्टमी 21 अक्टूबर को है। यह व्रत रखने से पहले गर्भवती महिलाओं को डॉक्टर से सलाह ले लेनी चाहिए और कुछ सावधानियां भी बरतनी चाहिए। आइये जानते हैं गर्भवती महिलाओं के लिए अहोई अष्टमी व्रत के नियम क्या हैं।
गर्भावास्था में व्रत रखने से होती हैं ये परेशानियां
गर्भावस्था में व्रत रखते समय बरतें ये सावधानियां
गर्भावस्था के दौरान अहोई अष्टमी का व्रत टाला भी जा सकता है। व्रत रखने से पहले अच्छा होगा कि आप पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लें और फिर इस ओर कदम बढ़ाएं।
(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता।)