Barley Benefits: नवरात्रि के इस सुपरफूड में छुपा है सेहत का खजाना, डाइट में जरूर करें शामिल

हेल्थ
Updated Oct 06, 2019 | 07:00 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

नवरात्रि में आपने में मां दुर्गा के पास जौ की घास बोए होंगें, लेकिन क्या आप जानते हैं कि जौ केवल धार्मिक महत्व के लिए ही नहीं बल्कि सेहत के लिए भी बहुत उपयोगी है। जानिए रोज इसे डाइट में शामिल करने के ये फायदे।

Barley
Barley 
मुख्य बातें
  • जौ में अल्सर और कैंसर को दूर करने की क्षमता है
  • ये रेडिएशन और सेलुलर डैमेज से भी बचाता है
  • जौ को अपनी डाइट में शामिल कर आप कैंसर से बच सकते हैं।

नई दिल्ली. जौ और उसी घास स्वास्थ्य का पावरबैंक होता है, क्योंकि इसमें एक नहीं अनेक बीमारियों को दूर करने कि अद्धभुत शक्तियां होती है। जौ अल्सरेटिव कोलाइटिस को दूर करने वाली और इम्यून सिस्टम को बढ़ने वाली होती है। 

जौ का पानी  बनाने के लिए जौ को कम से कम चार घंटे के लिए भिगो दें। इसे फिर धीमी आंच में उबाल कर ठंडा कर पीएं। याद रखें कि इसे थोड़ा-थोड़ा दिन भर में तीन से चार बार पीएं। जौ का दलिया, पानी, आटा  किसी भी तरह से इसका प्रयोग किया जा सकता है।

जौ में विटामिन ए, विटामिन बी 1 (थायमिन), विटामिन बी 2 (राइबोफ्लेविन), विटामिन बी 3 (नियासिन), विटामिन बी 6, फोलेट, विटामिन सी (एस्कॉर्बिक एसिड), विटामिन ई (अल्फा) प्रचुर मात्रा में होता है और यही कारण है कि ये सुपरफूड मना जाता है। इसमें मिनिरल्स के रूप में मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, और पोटेशियम के साथ-साथ जस्ता लोहा, और कैल्शियम भी खूब होता है। 

मिसकैरिज को रोकता है जौ
कई बार महिलाओं को गर्भ नहीं ठहर पाता। उनका मिसकैरिज होता रहता है। ऐसे में जौ के आटे को घी और ड्राइफ्रूट्स के साथ मिला कर पंजीरी बना लें या लड्डू इसे खाने से आपकी समस्या दूर हो जाएगी। साथ ही ये लीवर को मजबूत और डिटॉक्सीफाई करने में कारगर है। 

जौ को अपनी डाइट में शामिल कर आप कैंसर से बच सकते हैं। जौ के अर्क से ब्रेस्ट और प्रोस्टेट कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ने देने से रोकने का गुण होता है। इसके अलावा यूरिन से जुड़ी किसी भी तरह की दिक्कत हो तो जौ का सेवन किसी भी रूप में जरूर करना चाहिए। 

एंटीऑक्सिडेंट पावर है जौ
जौ में प्रभावशाली एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। विटामिन ई और बीटा-कैरोटीन से भरा जौ तनाव के कारण होने वाली बीमारियों को रोकता है और साथ ही इम्युन को बेहतर बनाता है। जौ आंतों के अनुकूल बैक्टीरिया पर असर डालता है जिससे अल्सरेटिव कोलाइटिस की समस्या सही होती है। 

जौ आंत में उत्तेजक रसायनों को कम करके अल्सरेटिव कोलाइटिस में फंसे सूजन और अन्य संबंधित लक्षणों को कम करने में मदद करता है। ये एक नेचुरल डिटॉक्सिफायर की तरह काम करता है। इसकी सफाई क्षमता इतनी है कि ये सीसा सहित शरीर से हानिकारक भारी धातुओं को भी बाहर कर देता है।
 

डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। 
 

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