Food Items To Avoid During Kartik Month: हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार कार्तिक मास सबसे पवित्र महीना होता है, जिसे दामोदर मास के नाम से भी जाना जाता है। यह महीना जगत के पालनकर्ता श्रीहरि भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी को समर्पित है। स्कंद पुराण में इस महीने को लेकर कहा गया है कि जिस प्रकार सतयुग के समान कोई युग नहीं, वेद के समान कोई शास्त्र नहीं और गंगा के समान कोई तीर्थ नहीं उसी प्रकार कार्तिक के समान कोई महीना नहीं होता।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस महीने चतुर्मास की समाप्ति के साथ भगवान विष्णु चार महीने की योग निद्रा के बाद उठते हैं। शास्त्रों में कार्तिक मास तपस्या करने के लिए सर्वश्रेष्ठ महीनों में वर्णित है। इस वर्ष कार्तिक मास कल यानि 21 अक्टूबर 2021, गुरुवार से शुरु होकर 21 नवंबर 2021 को समाप्त होगा।
जानकारों का मानना है कि खुद को स्वस्थ रखने के लिए इस महीने खानपान में बदलाव की भी आवश्यकता होती है। क्योंकि इस महीने से सर्दी की शुरुआत होती है। तथा मौसम बदलने के साथ बीमारियों के संक्रमण का डर रहता है। ऐसे में आपको इन चीजों को खाने से बचना चाहिए। आइए जानते हैं।
रोजाना एक गिलास दूध में गुड़ मिलाकर पिएं
कार्तिक मास में रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत को मजबूत बनाने तथा खुद को ऊर्जावान बनाए रखने के लिए रोजाना एक गिलास गर्म दूध में गुड़ मिलाकर पिएं। इससे आप मौसमी बीमारियों के संक्रमण से बच सकेंगे और खुद को ऊर्जावान महसूस करेंगे।
गुड़ का सेवन करें
स्वस्थ रहने के लिए गुड़ का सेवन किसी जादू से कम नहीं है। गुड़ रक्तचाप को नियंत्रित करने के साथ सर्दी, जुकाम और खांसी के संक्रमण से बचाता है। कार्तिक मास में रोजाना गुड़ का सेवन करना चाहिए। गुड़ सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है।
गेहूं के आटे का हलवा खाएं
कार्तिक पूर्णिमा के दिन गेहूं के आटे का हलवा बनाया जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस महीने गेहूं के हलवे का सेवन सुरक्षा कवच का काम करता है। यह गंभीर बीमारियों के संक्रमण से दूर रखता है। इसे बनाते समय गेहूं के आटे में इलायची पाउडर, घी, चीनी और किशमिश डालें। ये चीजें शरीर को गर्म रखने में मदद करती हैं।
तुलसी के पत्तों का खाने में करें सेवन
सनातन हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे का विशेष महत्व है। इस पवित्र महीने में तुलसी के पौधे की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि तुलसी के पत्तों का सेवन करने के लिए एक अलग से पौधा लगाना चाहिए। तुलसी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के साथ मौसमी बीमारियों से निजात दिलाता है। भोजन में तुलसी का पत्ता डालना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि मौसम में बदलाव के कारण धूल के कण और बैक्टीरिया खाने को आसानी से दूषित कर देते हैं, ऐसे में तुलसी का पत्ता उस भोजन को स्वस्थ रखता है।
काला नमक का सेवन करें
यदि मौसम में बदलाव के कारण आप बार-बार एसिडिटी की समस्या से परेशान रहते हैं, तो गुड़, काला नमक और सेंधा नमक का मिश्रण बनाकर इसका सेवन करें। यह एसिडिटी की समस्या से निजात दिलाने में मदद करता है।
मासाहारी भोजन से बचें
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस पवित्र महीने में मांसाहारी भोजन खाने से बचना चाहिए, क्योंकि इसे राक्षसी भोजन कहा जाता है। वहीं चिकित्सा विज्ञान के अनुसार इस महीने पशुओं में प्रजनन की प्रक्रिया होती है, जिससे कई तरह के रोग होने का डर रहता है। कार्तिक माह में मासाहारी भोजन का सेवन करने से पाचनतंत्र कमजोर होता है। ऐसे में इस महीने मासाहारी भोजन का सेवन ना करें।
ठंडा पानी भूलकर ना पिएं
कार्तिक माह से सर्दियों की शुरुआत भी हो जाती है। ऐसे में हमें ठंडी चीजों को खाने से बचना चाहिए। तथा इस दौरान ठंडे पानी का सेवन भूलकर भी ना करें, क्योंकि इससे आप सर्दी जुकाम की समस्या से पीड़ित हो सकते हैं। जो लोग अस्थमा से पीड़ित हैं उन्हें सभूलकर भी ठंडी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
दाल का सेवन ना करें
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कार्तिक के महीने में दाल खाने की मनाही है। खासकर अरहर और चने की दाल का सेवन बिल्कुल भी ना करें। इससे पाचनतंत्र में गड़बड़ी और पेट संबंधी अन्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
करेले का सेवन ना करें
कार्तिक महीने में करेले का सेवन भी वर्जित माना जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि कार्तिक माह में करेला पकता है और कई बार अधिक पकने के कारण इसके बीजों में बैक्टीरिया उत्पन्न हो जाते हैं। ऐसे करेले को खाने से फूड प्वाइजनिंग और अन्य बीमारियों का खतरा रहता है। ऐसे में इस महीने भूलकर भी करेले का सेवन ना करें।