डायबिटीज में गिलोय एक चमत्कारिक दवा की तरह काम करता है। यह एक ऐसी प्राकृतिक औषधि है जिसे अमृत तुल्य माना जाता है। यह मनुष्य में रोगों से लड़ने की क्षमता को विकसित करता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये जिस भी पेड़ पर चढ़ जाती है यह उसका गुण अपने अंदर ले लेती है। नीम के पेड़ पर चढ़ी हुई गिलोय सबसे उत्तम व स्वास्थ्यवर्धक मानी जाती है। आपको बता दें कि केवल डायबिटीज में ही नहीं बल्कि शरीर के अन्य रोगों में भी ये रामबाण की तरह काम करता है।
डायबिटीज के मरीज को गिलोय के रस का नियमित सेवन करने से राहत मिलता है। ऐसे लोगों को हाथ की छोटी उंगली के बराबर गिलोय के तने का रस और बेल के एक पत्ते के साथ थोड़ी सी हल्दी मिलाकर एक चम्मच रस का सेवन रोजाना करना चाहिए। इससे डायबिटीज की समस्या नियंत्रित रहती है। इसमें हाइपोग्लैससेमिक गुण पाए जाते हैं जो शरीर में शुगर को कंट्रोल करता है।
गिलोय एक पॉपुलर आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जिसे डायबिटीज की दवाईयों बनाने में इस्तेमाल में लाया जाता है। डायबिटीज के अलावा मेंटल हेल्थ में इसका काफी लाभ माना जाता है। इसे रुट ऑफ इममोरैलिटी यानि अमरत्व का जड़ भी कहा जाता है। इसे जूस फॉर्म में, पाउडर फॉर्म में या फिर कैप्सूल फॉर्म में लिया जा सकता है। यह बेल की तरह एक झाड़ी होती है जसकी शाखाएं बहुत फैली हुई होती है। इसकी पत्तियां अंडाकार और जालीदार होती है। इसकी बेल दूसरे पेड़ों की सहायता से उपर चढ़ती है।
डायबिटीज में इसके फायदे
(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए है, इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रुप में नहीं लिया जा सकता। कोई भी स्टेप लेने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर कर लें।)