Benefits Of Neem Leaves: चिलचिलाती धूप की किरणें और तेजी से बढ़ती गर्मी व उमस की वजह से घमौरियां होना आम बात है। घमौरियां गर्दन, पीठ में सबसे ज्यादा होती हैं। इसमें त्वचा में खुजली और उसके बाद जलन पैदा होती हैं। घमौरियां पसीने की वजह से होती है। गर्मियों में तंग कपड़े और पसीने की वजह से घमौरियों की समस्या होती है। इससे निजात पाने के लिए हम मार्केट में मिलने वाले कई तरह के प्रोडक्ट का इस्तेमाल करते हैं, जो घमौरियों की समस्या से छुटकारा तो दिला देता है लेकिन कई और तरह की समस्या बढ़ा देता है। इससे बचने के लिए हम एक ऐसी पत्ती का इस्तेमाल कर सकते हैं जो आपको इस समस्या से तुरंत छुटकारा दिलाएगा और इससे कोई साइड इफेक्ट होने का भी डर नहीं होगा। आइए जानते हैं उस पत्ती के बार में...
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नीम की पत्तियों को पानी में डालकर नहाएं
अगर आपके घर के आसपास नीम का पेड़ है तो यह बहुत ही बेहतर है। नीम की पत्ती कई समस्याओं का चुटकियों में निवारण कर देती है। इसी में एक समस्या घमौरियों की भी है। अगर आप घमौरियों की समस्या से परेशान हैं और इससे निजात पाना चाहते हैं तो नीम की पत्ती आपके लिए रामबाण है। इसका उपयोग करने के लिए नीम की पत्तियों को थोड़े से पानी में उबाल लें और इस पानी को थोड़ा ठंडा होने दें। फिर इसी पानी को पूरे शरीर में डाल दें। गर्मियों में आप रोज नीम के पत्ती के पानी से नहा सकते हैं। इससे घमौरियों की समस्या चुटकियों में दूर हो जाएगी।
खुजली और दाद की समस्याओं से भी मिलेगा छुटकारा
इसके अलावा शरीर में खुजली और दाद पैदा हो जाते हैं तो उसके लिए भी नीम कारगर है। इससे छुटकारा पाने के लिए नीम की पत्तियों को अच्छे से पीस लें। पिसी हुई नीम की पत्तियों को दही के साथ मिला लें और फिर इसे उस जगह में लगाएं, जहां दाद, खुजली या लाल रैशेज पड़ गए हो। यह लेप आपको तुरंत राहत दिलाएगा।
रेड रैशेज भी मिलेगा निजात
नीम ठंडक देती है। यह त्वचा से संबंधित कई रोगों को दूर करने में मदद करती हैं। गर्मी में होने वाले रेड रैशेज को भी नीम के तेल से दूर किया जा सकता है। इसे लगाने के लिए नीम के तेल में थोड़ा सा कपूर डालकर भिगो दें और फिर इसके तेल को शरीर में रेड रैशेज की जगह में लगाएं। इससे आपको तुरंत आराम मिलेगा।
(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)