How to Boost Memory: ऐसा कहा जाता है कि बच्चों की मेमोरी बड़ों से ज्यादा शार्प होती है। दरअसल, बच्चों में नई-नई चीजों को जानने की जिज्ञासा होती है, साथ ही उनका दिमाग टेंशन फ्री होता है, जिस वजह वो जो देखते हैं, पढ़ते हैं वो चीजें आसानी से भूल नहीं पाते हैं। हालांकि, कुछ बच्चे ऐसे होते हैं कि उन्हें चीजों को याद रख पाने में बहुत दिक्कत होती है। ऐसे में वो अपनी क्लास के अन्य बच्चों से भी पीछे रह जाते हैं। तो अगर आपको भी लग रहा है कि आपका बच्चा अन्य बच्चों की तुलना में चीजों को देर से याद कर पाता है या फिर उसे किसी भी चीज को याद रखने में परेशानी होती है, तो उसकी मेमोरी बूस्ट करने के लिए ये तरीके अपना सकते हैं-
अच्छी नींद ले बच्चा
आपको सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन नींद और याददाश्त का आपस में गहरा कनेक्शन होता है। दरअसल, एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अच्छी नींद से बच्चों में सोचने, समझने और याद रखने की शक्ति का विकास होता है। इसलिए अपने बच्चे को पर्याप्त नींद लेने दें और उन्हें बेड पर किताबें पढ़ने के लिए दें और मोबाइल जैसी चीजों से दूर रखें।
पोषक तत्वों से युक्त हो आहार
बच्चों के दिमाग को तेज करने के लिए पौष्टिक आहार की भी बहुत जरूरत होती है। हेल्दी डाइट से शरीर के विकास के साथ-साथ दिमाग के विकास में मदद मिलती है। स्टडीज के मुताबिक, बच्चों के दिमाग का विकास करने के लिए उन्हें विटामिन डी, विटामिन बी1, बी12, बी6, आयरन, आयोडीन युक्त डाइट दी जानी चाहिए।
बच्चों के साथ खेलें माइंड गेम्स
बच्चों के दिमाग को शार्प बनाने के लिए उनके साथ माइंड गेम्स खेलें। ये बच्चे की तर्क शक्ति में भी विकास करते हैं, साथ ही ये एक मजेदार तरीका भी है। आप उनके साथ सुडोकू से लेकर पहेलियां पूछने तक जैसे कई गेम्स खेल सकती हैं। इसके अलावा पजल्स या पहेलियां भी सॉल्व करवा सकते हैं। ये शोध में भी साफ हुआ है कि पहेलियों को सुलझाने से माइंड शार्प होता है।
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करवाएं बाहरी दुनिया की सैर
बच्चे की बेहतर याददाश्त के लिए उसे बाहरी दुनिया की सैर करानी भी जरूरी होती है। दरअसल, ऐसा करने से वो नई चीजों को देखते हैं और ऐसे में वो इन सब चीजों के बारे में जानने की कोशिश भी करते हैं, जिससे उनका ज्ञान तो बढ़ता ही है, साथ ही जब वो इन्हें सच में अपनी आंखों से देखते हैं, तो वो उन्हें हमेशा के लिए याद रहता है।
( डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)