नई दिल्ली. भारत में सर्वाइकल कैंसर से हर साल 74 हजार महिलाओं की मौत हो रही है। सर्वाइकल कैंसर का पता देरी से चलने के कारण यह उनकी मृत्यु का एक प्रमुख कारण बनता जा रहा है। इस बीमारी से सुरक्षित रहने का सबसे प्रभावी तरीका है, समय पर इसकी जांच करवाना। प्रिवेंटिव हेल्थकेयर एक्सपर्ट और इंडस हेल्थ प्लस प्राइवेट लिमिटेड की निदेशक कंचन नायकवाड़ी ने कुछ उपाय सुझाए हैं।
ग्रामीण लोगों को ज्यादा बीमारी
विश्व भर में सर्वाइकल कैंसर की वजह से होने वाली मौतों में से एक तिहाई भारत में होती हैं। सर्वाइकल कैंसर के कारण गिनाते हुए कंचन नायकवाड़ी ने कहा-वह कैंसर जो सर्विक्स की लाइनिंग को प्रभावित करता है, उसे सर्वाइकल कैंसर कहा जाता है। शहरी लोगों की तुलना में यह बीमारी ग्रामीणों में ज्यादा होती है। सर्वाइकल कैंसर का सबसे प्रमुख कारण इंसानी पेपिलोमा वायरस या एचपीवी होता है। एचपीवी वायरस के के साथ यौन संपर्क में आने से एचपीवी फैलता है।
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सेक्स के दौरान दर्द
सर्वाइकल कैंसर से जुड़े लक्षणों का जिक्र करते हुए कंचन ने कहा- योनी से असामान्य रक्तस्राव, सेक्स या फिर टेंपोन इंसर्ट करने के दौरान रक्तस्राव होना, यौन संबंध बनाने के दौरान दर्द महसूस होना, योनी से रक्तमिश्रित अनियिमित डिसचार्ज, पीरियड्स के बीच में योनी से रक्तस्राव, कमर, पैर या पेडू में दर्द महसूस होना, थकान, वजन में कमी, भूख ना लगना इसके प्रमुख लक्षण हैं।
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तीन साल में कराएं ये टेस्ट
कैंसर मुक्त रहने के लिए हेल्थकेयर एक्सपर्ट ने कहा- स्त्रीरोग विशेषज्ञ के पास नियमित जांच करवायें, हर तीन साल पर पैप स्मीयर टेस्ट करायें, एचपीवी वायरस से बचाव के लिए लगाए जाने वाले टीकों के बारे में अपने फिजिशियन से बात करें। इसके अलावा स्मोकिंग छोड़ दें, अपनी इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए हेल्दी डाइट ले और एक्सरसाइज करें।
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