Chirayta Ke Fayde: चिरायता एक ऐसी जड़ी बूटी है जिसे आयुर्वेद में औषधि माना जाता है। चिरायता सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। इससे बड़ी से बड़ी व छोटी से छोटी बीमारियों का उपचार किया जाता है। चिरायता में एंटी-ऑक्सीडेंट्स, अल्केलॉइड्स और ग्लायकोसाइड्स जैसे झेंथोन्स, चिराटानिन, पालमिटिक एसिड आदि की भरपूर मात्रा पाई जाती है। चिरायता से सर्दी खासी से लेकर कैंसर जैसी बड़ी बीमारियों से भी लड़ने की ताकत होती है। यहीं नहीं शुगर पेशेंट के लिए चिरायता वरदान साबित होता है। इसका प्रयोग प्राचीन काल से ही होता रहा है। हमारी दादी नानी भी सर्दी खांसी व अन्य बीमारियों के लिए चिरायता का सेवन करने की सलाह देती थी। आइए जानते हैं चिरायता का इस्तेमाल कैसे किया जाता है और इससे क्या फायदे होते हैं...
शुगर को रखता है कंट्रोल
शुगर को कंट्रोल करने के लिए चिरायता एक प्रसिद्ध औषधि है। चिरायता में एंटी डायबिटीक पाई जाती है। यह मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद है। शुगर पेशेंट को रोज सुबह खाली पेट चिरायता के पानी का सेवन करना चाहिए। चिरायता में अमरोंगेटन, बायो एक्टिव कंपाउंड होते हैं। यह एंटी डायबिटिक प्रभाव दिखाता है। इसी वजह से माना जाता है कि यह ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है।
चर्म रोग के लिए भी है फायदेमंद
आयुर्वेद में भी चर्म रोग के इलाज के लिए चिरायता और नीम के पत्तों को उपयोगी बताया गया है। चिरायता के पत्तों का लेप घाव को जल्द भरने में मदद करता है क्योंकि चिरायता में स्किन को हील करने का गुण पाया जाता है जो कि घाव को भरने में मदद करता है।
लिवर के लिए फायदेमंद
चिरायता में शक्तिशाली हेपेटोप्रोटेक्टिव और हेपेटोस्टिमुलेटिव गुण होते हैं जो लिवर डिटॉक्स करने में मददगार है। इसका शक्तिशाली जड़ी बूटी पित्त को बैलेंस करता है और इसके लिवर के कामकाज को बढ़ावा देता है। ये लिवर के एंजाइम प्रोडक्शन को बढ़ावा देता है।
(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)