Benefits of Coconut Sugar: क्‍या है कोकोनट शुगर, क्‍या डायब‍िटीज के मरीज कर सकते हैं सेवन - जानें जरूरी बातें

डायबिटिक लोगों के लिये कोकोनट पाम शुगर सादा चीनी का एक बहुत अच्छा ऑप्शन है। खाने में ये चीनी जैसा स्वाद देती है लेकिन इसमें न्यूट्रिशन सफेद चीनी से कई गुना ज्यादा है।

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मुख्य बातें
  • सामान्य शक्कर में फ्रक्टोज अधिक मात्रा में होता है। इससे कोई पोषण नहीं होता है।
  • डायबिटिक लोगों के लिये कोकोनट पाम शुगर प्‍लेन चीनी का एक बहुत अच्छा व‍िकल्‍प है।
  • कोकोनट शुगर का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है।

मीठा खाने में सबको अच्छा लगता है, कुछ लोग थोड़ा कम मीठा खाते हैं तो कुछ लोग मीठे के ज्यादा शौकीन होते है। लेकिन जो मोटापे के शिकार हैं या जिनको डायबिटीज है उनके लिये किसी भी तरह का मीठा बहुत नुकसान देता है। ऐसे में ये लोग चीनी का विकल्प अपनाते हैं जिससे मुंह मीठा भी हो जाये और कोई परेशानी भी ना हो। मार्केट में चीनी के विकल्प के तौर पर शहद, ब्राउन शुगर, गुड़ और गुड़ से बनी शक्कर मौजूद है। इसके अलावा कुछ लोग चीनी की जगह शुगर फ्री का इस्तेमाल करते हैं।

हालांकि चीनी की जगह उसके विकल्प का इस्तेमाल करके लोग कई बार बोर हो जाते हैं। कुछ लोगों को चीनी की क्रेविंग होती है तो उनके लिये मार्केट में बेहतर ऑप्शन है जिसका नाम है कोकोनट शुगर। जानिये नारियल के पेड़ से बनने वाली ये चीनी कैसे बनती है और क्या हैं इसके फायदे।

कैसे बनती है कोकोनट शुगर

यह प्राकृतिक शक्कर है, जो नारियल के पेड़ से मिलती है। पेड़ से लगातार निकलने वाले एक फ्लूइड बनती है। यह दो चरणों में बनाई जाती है।
1. कोकोनट पाम (डंठल) के कट लगाकर इसे निकाला जाता है और एक बर्तन में इसे एकत्र कर लिया जाता है।
2. पेड़ के डंठल को निकालकर इसे तपाया जाए, इसमें से जितना पानी निकल सकता है, निकल जाने दिया जाए। इन दोनों प्रक्रियाओं के अंत में जो मिलेगा, वह भूरे रंग का दानेदार प्रोडक्ट होगा। ठीक खांडसारी के समान, जो कोकोनट शुगर है।

सामान्य चीनी से बेहतर क्यों

  • सामान्य शक्कर में फ्रक्टोज अधिक मात्रा में होता है। इससे कोई पोषण नहीं होता है। जबकि कोकोनट शुगर में आयरन, जिंक, पोटैशियम, कैल्शियम यानी पर्याप्त मिनरल्स होते हैं।
  • इसमें फैटी एसिड्स जैसे पोलिफेनॉल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स भी होते हैं।
  • इसमें कुछ फाइबर भी होते हैं, जैसे इनुलिन, जो ग्लूकोज़ को धीमी गति से शरीर में समाहित होने देता है। इसमें कैलोरीज पर्याप्त होती है।
  • यह पूरी तरह ऑर्गेनिक है यानी इसमें ऐसा कोई भी केमिकल नहीं पाया जाता है जो शरीर को नुकसान पहुंचाए।
  • इसमें 16 तरह के अमीनो एसिड्स पाए जाते हैं ये प्रोटीन बनाते हैं जो क्षतिग्रस्त मांसपेशियों, और ऊतकों को रिपेयर करने का काम करते हैं। 

कोकोनट शुगर के फायदे

सादा चीनी की बजाय नेचुरल तरीके से बनी होने की वजह से इसमें प्रिजर्वेटिव नहीं होते हैं। सादा चीनी में बस कैलोरी होती है लेकिन कोकोनट पाम शुगर में कैलोरी बहुत कम हैं और विटामिन्स- मिनरल्स ज्यादा होते हैं। इसमें विटामिन बी-1, बी-12 और फॉलिक एसिड होता है जो शरीर के लिये फायदेमंद है। कोकोनट शुगर में ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी शहद और सफेद चीनी से कम होता है जो डायबिटीज वालों के लिये राहत की बात है। 

डायबिटीज के मरीजों के ल‍िए कोकोनट पाम शुगर एक बेहतरीन विकल्प है। नारियल की चीनी में ग्लाइसेमिकल इंडेक्स बस 35 होता है जबकि दूसरी और चीनी में ये 60 या इससे ज्यादा होता है। कोकोनट पाम शुगर में फाइबर और प्रोबायोटिक भी होता है जो डाइजेशन के लिये बहुत अच्छा है। इसलिये अगर आप थोड़ी बहुत मात्रा में चीनी खाना चाहते हैं तो कोकोनट पाम शुगर जरूर ट्राई करें। इसका इस्तेमाल चाय, दूध और मिठाइयों में किया जा सकता है।

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