ब्रिटेन की सरकार लाखों कोरोना वायरस एंटीबॉडीज टेस्ट मुफ्त में कराने पर विचार कर रही है। डेली टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक यूके सरकार ने इसके फर्स्ट मेजर ट्रायल को मंजूरी दे दी है इसके बाद ही ब्रिटिश मंत्रियों ने इसकी मुफ्त टेस्टिंग कराने पर विचार शुरू कर दिया है।
यह एक फिंगरप्रिक्स टेस्ट है जो 20 मिनट में बता देगा कि मरीज कभी कोरोना वायरस के संपर्क में आया था। इसका सीक्रेट ह्यूमन ट्रायल जून में सबसे पहले किया गया था जो 98.6 फीसदी करेक्ट पाया गया था।
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि टेस्ट यूके रैपिड टेस्ट कोन्सोर्टियम के द्वारा तैयार किया गया था जो ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और यूके की एक डायग्नोस्टिक कंपनी के द्वारा मिलकर तैयार किया गया था।
आने वाले कुछ सप्ताह में इसके अप्रूवल मिल जाएंगे, इसके हजारों प्रोटोटाइप्स यूके की फैक्ट्रीज में मैनुफैक्चर किए जा चुके हैं। ब्रिटिश मंत्रीगण ये उम्मीद कर रहे हैं कि एबीसी-19 फ्लो टेस्ट का इस्तेमाल मास स्क्रीनिंग प्रोग्राम के लिए इस साल के अंत तक शुरू कर दिया जाएगा।
यूके आरटीसी के नेता क्रिस हैंड ने कहा कि इसे 98.6 फीसदी एक्यूरेट पाया गया, यह एक शुभ समाचार है। उन्होंने कहा कि हम अब अपने पार्टनर्स के साथ मिलकर इस पर प्लान कर रहे हैं कि हर महीने कम से कम इसके हजार डोजेज तैयार किए जाएं। उन्होंने आगे कहा कि सरकारी स्वास्थ्य विभाग यूके आरटीसी से इस साल के खत्म होने तक मिलियन टेस्ट की खरीदी के लिए बात कर रही है।
प्लान के मुताबिक ये टेस्ट मुफ्त में कराए जाएंगे। इसे सुपरमार्केट में खरीदने की बजाए ऑनलाइन ऑर्डर किया जा सकता है। ये सभी टेस्ट इस बात को स्पष्ट करने में मदद करेंगे कि देश में कोरोना वायरस का संक्रमण कैसे फैल रहा है। डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड सोशल केयर के प्रवक्ता ने बताया कि हम अभी तक यह नहीं जानते हैं कि एंटीबॉडीज रिइंफेक्शन या ट्रांसमिशन से प्रतिरक्षा का संकेत देते हैं या नहीं।