गहरी सांस लेने से ऑक्सीजन का प्रवाह हमारी नसों तक होता है साथ ही दिमाग में भी ऑक्सीजन पहुंचता है। इसका लाभ ये है कि इससे हमारा शरीर व दिमाग रिलैक्स होता है और एनर्जी का संचार होता है। सांस लेने की प्रक्रिया (ब्रीदिंग टेक्नीक) आपको अपने शरीर से जोड़ती है और आपके दिमाग से सारी चिंताओं को दूर कर उसे रिलैक्स करती है।
श्वसन क्रिया करने से आपके नर्वस सिस्टम पर इसका असर पड़ता है। जब भी कभी आप चिंतित या तनावग्रस्त हों तो आपको ये प्रैक्टिस करनी चाहिए। उपर के सामने के दांत के पीछे अपनी जीभ ले जाएं। जोर से आवाज निकालते हुए मुंह से सांस लें। अब अपने मुंह को बंद करें और नाक से सांस लें और चार तक गिनती गिनें। सांस को 5-7 सेकेंड के लिए रोकें और फिर मुंह से इसे छोड़ें। इसे कम से कम तीन से पांच बार दोहराएं। जानते हैं डीप ब्रीदिंग टेक्नीक-
नाड़ी शोधन
इसमें अपने पैरों को क्रॉस करके बैठना होता है, रीढ़ की हड्डी सीधी होती है। अंगूठे से अपने दायें नाक की छिद्र को दबाएं और बायें नाक से श्वास बाहर निकालें। इस प्रक्रिया को दूसरी तरफ से भी दोहराएं। अब इस पूरी प्रक्रिया को 10-15 मिनट तक बार-बार दोहराएं।
दीर्गा प्राणायाम
इस क्रिया को लेटकर किया जाता है। तेज सांस लें ताकि आपका पेट फूले थोड़ी देर इसी मुद्रा में रहेंऔर फिर धीरे-धीरे सांस बाहर की ओर छोड़ें। दूसरी बार और तीसरी बार आपको और भी गहरी सांस अंदर लेनी है और ऐसे ही थोड़ी देर रोकर उसे बाहर छोड़ना है। इस क्रिया को 5-6 बार करें।
उज्जयी प्राणायाम
इसमें समुद्र की लहरों के जैसे सांसों से आवाज निकालना है। इससे काफी रिलैक्स मिलता है। उसी आसन में बैठे रहें अब जोर से सांस लें ताकि गले तक से आवाज आए। दूसरे चरण में अपने मुंह को बंद रखें और नाक से सांस बाहर छोड़ें। इसे कुल 10-15 बार करें।
डीप ब्रीदिंग के फायदे
हर दिन कुछ समय अपने लिए निकाल कर ब्रीदिंग प्रैक्टिस करने से ना सिर्फ आपके शरीर को बल्कि आपके दिल व दिमाग को भी रिलैक्स मिलता है। इससे आपका स्ट्रेस भी कम होता है साथ ही आपको नींद अच्छी आती है। सही तरह से सांस लेने की तकनीक भी हेल्दी लाइफलाइस्टाल का एक हिस्सा है। हालांकि इसके अनगगिनत फायदे हैं लेकिन आज हम यहां आपको इसके कुछ अहम फायदों के बारे में बताएंगे-