नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली और उससे सटे एनसीआर में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर को पर है। पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) अथॉरिटी ने शुक्रवार (1 नवंबर) को दिल्ली-एनसीआर में पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दी । अथॉरिटी पांच नवंबर तक किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य पर भी रोक लगा दी है।
सोमवार को हालांकि एक्यूआई में थोड़ा सुधार है लेकिन इस समस्या ने लोगों को स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं बढ़ी है। लोगों के स्वास्थ्य पर वायु प्रदूषण का स्तर जानलेवा होता है। सांस या दिल की बीमारी से पीड़ित लोगों के वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से उनकी हालत और खराब हो सकती है। खतरनाक धुंध आंख, गले में जलन पैदा कर सकती है और फेफड़ों व दिल को नुकसान पहुंचा सकती है। अध्ययन में भी प्रदूषण और डायबिटीज के बीच संबंध होने का खुलासा हुआ है।
बच्चे, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं, बाहर काम करने वाले मजदूर और अस्थमा और दिल की बीमारी से पहले ही पीड़ित लोगों के वायु प्रदूषण के प्रति सबसे ज्यादा अतिसंवेदनशील होते हैं। जब हवा में तय सीमा से अधिक प्रदूषण बढ़ता है तो सबसे ज्यादा संवेदनशील मानी जाने वाली आंखें इससे प्रभावित होती हैं। धुंध या वायु प्रदूषण से जलन, रूखापन, खुजली और आंखों में लालिमा पड़ सकती है। इससे एलर्जिक रिएक्शन या इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए इसे नजरअंदाज करना ठीक नहीं है। समय रहते आपको इसका उपाय जरूर करना चाहिए।
प्रदूषण के बुरे प्रभावों से अपने आपको और परिवार को कैसे बचाएं?