Mango in Diabetes: गर्मी के मौसम की खासियत ये होती है कि इस मौसम में आम, तरबूज और लीची जैसे स्वादिष्ट फल खाने को मिलते हैं। हालांकि, डायबिटीज जैसी समस्या में आम और तरबूज खाने से कुछ लोग परहेज करते हैं। दरअसल, आम स्वाद में मीठा होता है, साथ ही इसमें कैलोरीज भी होती है। ऐसे में लोग आम को खाने से कतराते हैं, कि कहीं आम खाने से ब्लड शुगर लेवल बढ़ न जाएं। इसलिए डायबिटीज के मरीज आम थोड़ा सोच समझकर और डर-डरकर ही खाते हैं। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि डायबिटीज की समस्या में आम खाना चाहिए या नहीं-
आम प्रकृतिक रूप से बहुत मीठा होता और इसमें कैलोरी भी बहुत मात्रा में होती है। ऐसे में डायबिटीज में आम को खाने से मना किया जाता है, क्योंकि इससे शुगर लेवल बढ़ने का डर होता है। हालांकि, आम में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स भी भरपूर मात्रा में होते हैं, जो ब्लड शुगर और तनाव को कम करने में कारगर होते हैं।
आम का ग्लाइसेमिक इंडेक्स
ग्लाइसेमिक इंडेक्स में 55 की रैंकिंग वाले फूड को कम शुगर वाला माना जाता है और डायबिटीज के मरीज भी इन फूड को खा सकते हैं। बात करें आम की तो आम का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 51 है। ऐसे में डायबिटीज के मरीज बिना शुगर लेवल के डर के आम के स्वाद का लुत्फ उठा सकते हैं।
आम खाते वक्त इन बातों का रखें ख्याल
डायबिटीज के मरीजों को आम खाते वक्त इन बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है-
एक बार में सिर्फ एक आम ही खाएं। पहले आधा आम खाकर चेक करें ब्लड शुगर लेवल, यदि शुगर नहीं बढ़ता है तो आप पूरा आम खा सकते हैं। खाना खाने के बाद आम भूलकर भी न खाएं। आम में प्रोटीन कम होता है, ऐसे में प्रोटीन की पूर्ति के लिए आम खाने से पहले ड्राई फ्रूट्स खा सकते हैं।
(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)