विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार COVID-19 कोरोनो वायरस के कारण होने वाली बीमारी का नाम है। कोरोनो वायरस का एक विशिष्ट नाम भी है, एक्यूट रेस्पेरेटरी सिंड्रोम कोरोना वायरस-2 ( acute respiratory syndrome coronavirus 2) या संक्षिप्त में इसे SARS-CoV-2 भी कहा जाता है। क्योंकि ये आमतौर पर बोलने में थोड़ा कठिन था और ये वायरस कोरोनो वायरस से संबंधित है, इस कारण इसका नाम कोविड-19 रखा गया। कोरोना वायरस 2003 में SARS प्रकोप के लिए भी जिम्मेदार माना गया था। हालांकि ये दोनों वायरस आनुवंशिक रूप से संबंधित होते हुए भी अलग हैं। वायरस और उनके कारण होने वाली बीमारियों में अक्सर अलग-अलग नाम दे दिए जाते हैं।
वैश्विक संगठन देता है नाम
वायरस का नाम एक वैश्विक संगठन देता है। इसका नाम इंटरनेशनल कमिटी ऑन टैक्सोनॉमी ऑफ वायरस है। इस वायरस में एक नया स्ट्रेस देखा गया था इसलिए इसे "नोवल" कहा गया है। यही कारण है कि इसे "नोवल कोरोना वायरस" बोला जा रहा है। कोरोना वायरस अपेक्षाकृत सामान्य हैं और सामान्य सर्दी-जुकाम के लिए जिम्मेदार होता हैं।
कोविड-19 कोरोना का नया स्तर है
इस नए कोरोना वायरस में संक्रमणों के हल्के लक्षण पहले नजर आते हैं, जिसमें खांसी और बुखार भी शामिल हैं। समय के साथ ये गंभीर होता जाता है और इसमें निमोनिया का असर होने लगता है। सांस लेने में तकलीफ, किडनी फेल होना, दिल या फेफड़ों की बीमारी जैसी दिक्कतें मौत का कारण बन जाती हैं। ये बीमारी एक से दूसरे में आसानी से फैलती है। संक्रमित व्यक्ति की सांस, खांसने, छींकनें या थूक से ये बीमारी तेजी से फैलती है। यूएस ने कोविड-19 के वायरस की उत्पति को अज्ञात माना है और उनके मुताबिक इस वायरस से क्वारेंटीन के जरिये ही बचा जा सकता है।
कोरोनावायरस क्या है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना वायरस को एक बड़े परिवार यानी कोरोनविर्यूज के रूप में परिभाषित किया है। ये वायरस सामान्य सर्दी-जुकाम से लेकर गंभीर बीमारियों तक का कारण बन सकता है। कोरोना वायरस में संक्रमण के सामान्य लक्षण होते हैं। इसे SARS-Cov भी कहा जाता है और ये 2003 में में सामने आ चुका है।
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