Yoga in Lockdown: क्या लॉकडाउन में याददाश्त और एकाग्रता पर हो रहा बुरा असर, तो जरूर करें ये 4 योग

Yoga In Lockdown: लॉकडाउन में शारीरिक समस्याओं के साथ एकाग्रता में कमी भी शिकायत होने लगी है। दिमाग बहुत एक्टिव न रहने से ऐसा होता है। इसलिए मस्तिष्क को क्रियाशील बनाए रखने के लिए योग करना जरूरी है।

Yoga In Lockdown, लॉकडाउन में योगा
Yoga In Lockdown, लॉकडाउन में योगा 
मुख्य बातें
  • मस्तिष्क को क्रियाशील बनाने के लिए योग करें
  • योग से दूर होगा तनाव और मस्तिष्क शांत होगा
  • शरीर को लचीला बनाने वाले योग करने चाहिए

याददाश्त और एकाग्रता बढ़ाने के लिए जरूरी है कि शारीरिक श्रम के साथ दिमाग की भी एक्सरसाइज होती रहे। लॉकडाउन में शारीरिक ही नहीं दिमागी कसरत भी कम हो गई है। ज्यादा काम न होने से दिमाग सुस्त होने लगा है इससे एकाग्रता प्रभावित होती है। ऐसे में जरूरी है कि दिमाग को सक्रिय बनाने वाले कुछ योग जरूर किए जाएं। इससे मन और मस्तिष्क भी अच्छा महसूस करेंगे और लॉकडाउन के कारण होने वाली बोरियत भी दूर हो सकेगी। तो आइए जानें किन योग से एकाग्रता को बढ़ाया जा सकता है।

मस्तिष्क को सक्रीय व एकाग्रता बढ़ाने के लिए करें ये योग

ताड़ासन से बढ़ेगी की एकाग्रता

ताड़ासन न केवल शारीरिक मुद्रा में सुधार कर पैरों को मजबूत बनाता है बल्कि ये एकाग्रता को बढ़ाने में भी बहुत सहायक है। इस योग से श्वास प्रक्रिया संतुलित होती है और मस्तिष्क सक्रिय होता है। पेट और नितंबों को मजबूत करने के साथ ये रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन को भी बढ़ाता है। रोज इस योग को करने से एकाग्रता बढ़ेगी।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
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वृक्षासन से मस्तिष्क बनेगा सक्रिय

एकाग्रता बढ़ाने के लिए वृक्षासन बहुत ही कारगर योग माना गया है। ये मस्तिष्क की क्रियाशीलता को बढ़ाता है जिससे याददाश्त भी बेहतर हाती है और एकाग्रता बढ़ती है। वृक्षासन पैरों का संतुलन और स्थिरता में भी सुधार करता है और इससे आत्मविश्वास भी बढ़ता है। वृक्षासन को ट्री पोज भी कहते हैं। इस आसन में सीधे तन कर खड़े होकर शरीर का भार बाएं पैर डालते हुए दाएं पैर को मोड़ना होता है। फिर दाएं पैर के तलवे को घुटनों के ऊपर ले जाकर बाएं पैर के साथ लगा दें। दोनों हाथ की हथेलियों को प्रार्थना मुद्रा में ऊपर की ओर ले जाएं।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
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गरुडासन न्यूरो मस्कुलर समन्वय करता है

गरुडासन पैरों की मांसपेशियों को मजबूत करने के साथ ही न्यूरो मस्कुलर समन्वय को बनाता है। इससे मस्तिष्क में क्रियाशीलता बढ़ती है और शरीर संतुलित होता है। इस आसन से कूल्हे और पैर भी मजबूत और लचीले होते हैं। इस आसन को करने से साइटिका जैसी गंभीर बीमारी भी दूर हो जाती है। गरुडासन करने के लिए जमीन पर एकदम से सीधे खड़े हो जाएं। फिर दाएं पैर को अच्छे से जमीन पर जमा लें और बाएं टांग को दाएं टांग में सर्प की तरह लपेट लें। इसके बाद हाथों को आपस में लपेटते हुए अपनी उंगलियों और हथेलियों को आपस में मिला लें। फिर हाथों की कलाई को अपने नाक के बिल्कुल सीध में रखे जैसे की गरुड की चोंच हो।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
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पश्चिमोत्तासन से क्रोध और चिड़चिड़ापन दूर होगा

पश्चिमोत्तासन क्रोध और चिड़चिड़ापन को दूर करता है और दिमाग को शांत बनाता है।  सिरदर्द और तनाव को दूर कर ये मस्तिष्क को क्रियाशीलता देता है। इससे याददाश्त भी तेज होती है। इस आसन को करने के लिए बैठ जाएं और अपने दोनों पैरों को फैला कर और शरीर को सीधा तानकर अपने दोनों पैरों को आपस में मिला लें। इसके बाद धीरे-धीरे करके अपने दोनों हाथों से अपने पैरों के अंगूठों को पकड़ने की कोशिश करें। इस प्रकार करते हुए अपने हाथों और पैरों को बिल्कुल सीधा रखें।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
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तो लॉकडाउन में अगर आप ये योगासन करते हैं तो आपको कई तरह की परेशानियों से निजात मिलेगी।

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