नई दिल्ली: चाय-कॉफी के शौकीन अक्सर इन्हें गरम अवस्था में ही पीना पसंद करते हैं। चाय की गरम चुस्कियों से दिल को सुकून मिलता है वहीं कॉफी की कड़क गरमाहट से दिमाग़ तरोताजा हो जाता है। मौसम यदि सर्द हो तो चाय-कॉफी के कितने ही पियाले गले से नीचे उतर जाते हैं। क्या कभी इस गरमाहट का आनंद लेते हुए सोचा है कि इनसे किसी तरह के खतरे की तो आहट नहीं होती। यह आपको डराने के लिए नहीं कहा जा रहा है परन्तु एक शोध के प्रमाणों के आधार पर आपको जागरूक करने का एक प्रयास है। चलिए विस्तार से जानते हैं।
इंटरनेशनल जॉर्नल ऑफ कैंसर में छपे एक अध्ययन, जो 40 से 70 वर्ष की आयु के लोगों पर किया गया, के अनुसार, अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के, फरहद इस्लामी कहते हैं कि, "बहुत से लोग चाय, कॉफी या अन्य गरम पेय पदार्थ पीना का आनंद लेते हैं। हालांकि, हमारे नतीजों के अनुसार, अधिक गरम चाय पीने से ग्रासनलिय (oesophageal) कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है, और यह, इसलिए कहा जाता है कि गरम पेय पदार्थ ठंडे होने पर ही पीना उचित है।"
शोध में दौरान फॉलो अप में 317 ग्रासनलिय कैंसर (Oesophageal Cancer) के नए मामले सामने आए। यह नतीजे दो तरह के समूह के मध्य से आए। एक समूह जो प्रतिदिन 700 मिलीलीटर से काम चाय 60° सेल्सियस तक या उससे नीचे के तापमान की चाय पीता था वहीं दूसरा समूह प्रतिदिन 700 मिलीलीटर इससे या अधिक चाय 60° सेल्सियस या उससे अधिक तापमान की चाय पीता था। दूसरे समूह में ग्रासनलिय कैंसर के 90% ज्यादा मामले देखने को मिले।