नई दिल्ली. चाय पीने की आदत कई बार तलब में बदल जाती है। ये तलब कभी-कभी बीमारी का कारण बन सकती है। दरअसल खाली पेट चाय पीना और लंबे समय तक रोज कई कप चाय के पीने की ये आदत स्केलेटल फ्लोरोसिस जैसी बीमारी की वजह ही बन सकती है। ये बीमारी आपकी हड्डियों को अंदर ही अंदर खोखला बना सकती है।
स्केलेटल फ्लोरोसिस में शरीर में आर्थराइटिस जैसा दर्द होने लगता है। ये बीमारी खासकर हड्डियों में दर्द पैदा कर देती है। इसके अलावा कमर, हाथ-पैरों के अलाव जोड़ों में दर्द की शिकायत होती है।
चाय में मौजूद फ्लोराइड मिनरल हड्डियों के लिए बड़ा खतरा होता है। फ्लोराइड की बहुत ज्यादा मात्रा हड्डियों में स्केलेटल फ्लोरोसिस होने की आशंका बढ़ा सकती है। इसका कारण ये भी है कि चाय कैल्शियम के सोकने को शरीर में रोकता है। वहीं, ये अल्सर और हाइपर एसिडिटी का कारण भी बनता है।
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लंबे समय बाद दिखता है असर
चाय से हड्डियों को नुकसान अचानक नहीं बल्कि लंबे समय बाद नजर आता है। चाय पीने का असर चाय की क्वालिटी, पीने वाले के शरीर और जेनेटिक्स की स्थिति पर निर्भर करता है। इसके अलावा चाय का समय और चाय बनाने के तरीके पर भी काफी निर्भर होता है। दूध और चीनी से बनी चाय का लगातार पीते रहना सही नहीं है। खासकर तब जब आप इसे भूख मिटाने के लिए, खाली पेट या खाने के तुरंत बाद पी रहें हों।
इन बातों को दें ध्यान
चाय की दिन में तीन कप से ज्यादा बिलकुल न पीएं। खासकर खाली पेट बिलकुल नहीं। कोशिश करें कि सामान्य चाय की जगह ग्रीन टी, हर्बल टी आदि पीएं। खाने के तुरंत बाद या पहले और खाली पेट चाय पीने से बचें।
चाय पीने के बाद कुल्ला करें और करीब आधे घंटे बाद ढेर सारा पानी भी पीएं। इसके अलावा चाय की जगह तलब लगने पर छाछ, नारियल पानी जैसी ड्रिंक पीने से ये आदत छूट सकती है।
Disclaimer: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
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