नई दिल्ली : कोविड-19 के खिलाफ जंग में उम्मीद की किरण दिखी है। वैज्ञानिकों ने कोविड-19 के इलाज में एक नई दवा को कारगर होते हुए पाया है। वैज्ञानिकों का दावा है कि यह नई दावा कोविड-19 से उत्पन्न होने वाले संक्रमण को ठीक करने अथवा उससे रोकने में कारगर हो सकती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस दवा का शुरुआती परीक्षण जानवरों पर किया गया। परीक्षण के बाद जो नतीजे सामने आए उसमें पाया गया कि ड्रग 4 फेनिलबुटिरिक (4-PBA)श्वसन प्रणाली की नाकामी से होने वाली मौत पर पूरी तरह से रोक लगाती है। यह रिसर्च 'साइटोकाइन एंड ग्रोथ फैक्टर्स रिव्यू' में प्रकाशित हुआ है।
इस दवा को लेकर शोधकर्ताओं में उत्साह
कोरोना वायरस से संक्रमण के गंभीर मामलों में सूजन की प्रक्रिया की पहचान की गई है और यह समस्या शरीर में बड़ी मात्रा एवं अनियंत्रित रूप में साइटोकाइन का निर्माण करती है। साइटोकाइन शरीर के बचाव को व्यवस्थित करते हैं। शरीर में इनकी बड़ी मात्रा होने पर ये शरीर के कई अंगों को एक साथ नुकसान पहुंचा सकते हैं। अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि साइटोकाइन की अधिकता को नियंत्रित करने की जरूरत है क्योंकि ये कोशिकाओं को संक्रमित करते हैं।
कोविड-19 का हो सकता है संभावित इलाज
इस अध्ययन के प्रमुख रिसर्चर एवं स्पेन के मालगा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर इवान डुरान का कहना है, 'संक्रमण से कोशिकाएं में जब सूजन आ जाती है तो वे साइटोकाइन का निर्माण करती हैं। जब साइटोकाइन की मात्रा अधिक हो जाती है तो अनियंत्रित रूप से कोशिकाओं में जलन होने लगता है। इसलिए कोशिकाओं पर दबाव को कम करना कोविड-19 का एक संभावित इलाज हो सकता है।' इस दवा का इस्तेमाल अन्य बीमारियों के इलाज में किया जा रहा है।