नई दिल्ली: गर्भवती महिलाओं में समय से पहले होने वाली प्रसव-पीड़ा यानी labor pain किसी बुरे सपने से कम नहीं है। आज-कल कई ऐसे मामले देखने को मिलते हैं जब गर्भ की परिपक्वता के 37वें सप्ताह के पूर्व गर्भवती महिलाओं को तकलीफ बढ़ जाती है, जिस कारण समय से पहले प्रसव हो जाता है। इसके कारण गर्भाशय में संकुचन पैदा होने लगता है और कमर में दर्द शुरू हो जाता है।
शोध के नतीजों में पाया गया है कि कभी-कभी ऐसा हो सकता है कि भ्रूण की प्रतिरोधी क्षमता जाग्रत हो जाने से वह माता के गर्भ के परिवेश को स्वीकार करना बंद कर देता है।
माना जाता है कि गर्भावस्था में आपका शिशु जितने ज्यादा समय तक के लिये गर्भ में बढ़ता है वह उतना ही हेल्दी होता है। हालांकि अगर प्रसव-पीड़ा जल्दी होने लगे तो उसके इन लक्षणों को नज़रअंदाज ना करें।
समय से पूर्व प्रसव पीड़ा के लक्षण-
1. कमर दर्द
वैसे तो गर्भावस्था में कमर दर्द की काफी शिकायत देखने को मिलती है लेकिन समय से पूर्व जब भी प्रसव पीड़ा होने लगती है, कमर दर्द और भी ज्यादा बढ जाता है। आप इस दर्द का अनुभव विशेषकर कमर के नीचे हिस्से में करेंगी ।
2. योनि से रक्त स्त्राव
इस नाजुक समय में योनि से रक्त स्त्राव तेजी से बढ जाता है। यह समय से पूर्व प्रसव - पीड़ा का सबसे बड़ा लक्षण है जिसे समय रहते ही संभाला जा सकता है।
3. दबाव बढ़ना
आप पेडू (pelvic area) के हिस्से में दबाव महसूस करेंगी और योनि में दर्द भी समय पूर्व प्रसव पीड़ा का एक लक्ष्ण है। इस पर खास ध्यान दें।
4. जी मिचलाना
वैसे तो गर्भावस्था में प्रेगनेंसी के समय काफी ज्यादा उल्टी या जी मिचलाने की समस्या हो जाती है। लेकिन अगर आपको प्रसव पीड़ा जल्दी होने वाली है तो आपका जी तो मिचलाएगा ही साथ में उल्टी और दस्त भी होगी। ऐसे में बिल्कुल भी खतरा न उठाएं और डॉक्टर से मिलें।
5. संकुचन
समय से पहले प्रसव पीड़ा को पहचानने के लक्षण में यह एक प्रमुख लक्षण में से एक है। ऐसे में यह हर दस मिनट में होने लगेगा। संकुचन की जांच करें। अगर आपका गर्भाशय कसा हुआ महसूस होता है तो यह संकुचन हो सकता है।
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