छह महीने तक शिशु को केवल मां का दूध ही पिला चाहिए, लेकिन छह महीने के बाद शिशु को तरल और धीरे-धीरे ठोस आहार पर लेना भी उतना ही जरूरी है। शिशु की शारीरिक और मानसिक विकास के लिए आहार की जरूरत बढ़ती जाती है। ऐसे में केवल मां के दूध से काम नहीं चलेगा, लेकिन शिशु इस बात से अंजान होता है और वो केवल मां के दूध को ही पीना चाहता है। यहां मां को बहुत ही समझदारी और मनोवैज्ञानिक तरीके से अपना दूध छुड़वाना होगा। मां का दूध अचानक से छोड़ुवाना कई बच्चों के मानिसक विकास पर असर डाल सकता है, इसलिए ध्यान रखें प्यार और संयम के साथ इस काम को करना होगा ताकि बच्चे को खुद ही दूध पीने से बेहतर अन्य चीजें लगने लगें।
शिशु को दूध छुड़ाने से पहले मां को कुछ होमवर्क करना होगा। जैसे शिशु के खाने का रुटीन तय करें, क्या खिलाना होगा उसका मेन्यू बनाएं आदि। अब खुद के लिए भी तैयारी करें ताकि अचानक दूध छुड़ने से आपको दिक्कत न हो। तो आइए कुछ टिप्स पर काम करते हुए आसानी दूध छुड़वाया जा सके।
मां का दूध छुड़ाने के हैं ये 10 असरदार टिप्स
1. याद रखिए शिशु कभी भी अचानक से दूध छोड़ कर खाना खाने नहीं लगेगा। उसे वक्त लगेगा। वह धीरे-धीरे खाने को खाएगा। पहले वह खाने से खेलेगा और धीरे-धीरे उसे खाएगा। उसे खाने के साथ एन्जॉय करने दें।
2. बच्चे को दूध छुड़ाने के लिए धीरे-धीरे शुरुआत करें। अचानक से नहीं। कम से कम हफ्ते भर पहले से इसकी तैयारी शुरू कर दें। उसकी फीडिंग का टाइम बढ़ाते जाएं और कम करते जाएं।
3. बच्चे के सामने से हटना शुरू करें, क्योंकि बच्चा मां को देखकर बार बार दूध पीना ही चाहेगा। अगर ऐसा न कर सकें तो उसको खेल-खेल में कुछ चीजें ट्राई कराना सीखें।
4. जब भी खाएं बच्चे के साथ बैठ कर खाएं, ये साइकोलॉजिकली काम करेगा। बच्चे को उसकी प्लेट में खाना दें ताकि वो खेलते हुए खाना सीखे।
5. बच्चे को कभी भी जबरदस्ती ठूंस कर न खिलाएं क्योंकि बच्चों में गैग रिफ्लेक्स बड़ों से ज़्यादा सक्रिय होता है, इसलिए वो कई बार खाना उगल देते हैं। ऐसा तब होता है जब गले के पीछे ठोस आहार टकराता है गैग रिफ्लेक्स एक्टिवेट हो जाता है और खाना बाहर आने लगता है। इसलिए उसे खुद से खाने के लिए प्रेरित करें क्योंकि जब वो खदु खाएंगे तो ऐसा नहीं होगा।
6. ऊपरी आहार के साथ आप उसे दूध देते रहें लेकिन बहुत कम समय के लिए फीड कराएं और बहुत देर पर ऐसा करें। ताकि वह खाने की ओर ज्यादा प्रेरित हो।
इन उपायों को अपना कर आप आसानी से शिशु को ब्रेस्टफीडिंग की आदत छुड़वा सकती हैं साथ ही ठोस आहार लेने के लिए प्रेरित कर सकती हैं।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।