Balance Disorder: कई बार ऐसा होता है कि व्यक्ति को चक्कर आने या घबराने की समस्या हो जाती है, जिससे बैलेंज बनाने में दिक्कत होती है। दरअसल, चक्कर आने पर अक्सर व्यक्ति चकराकर गिर जाता है। इस समस्या को बैलेंस की समस्या कहते हैं। वैसे तो शरीर अपने आप को बैलेंस कर लेता है, लेकिन कई बार जब खुद को संभाला नहीं जाता और गिरने की स्थिति हो जाती है, तो समझिए कि ये बैलेंस की समस्या है। दरअसल, संतुलन बनाने के लिए हमारे शरीर में एक विशेष तंत्र कार्य करता है, जो आंख, कान और प्रोप्रियोसेप्शन से मिलकर बना होता है। ऐसे में यदि किसी भी तंत्र में कोई विकार हो जाए, तो डिस्बैलेंस की समस्या हो जाती है। तो चलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं बैलेंस डिसऑर्डर के लक्षण और कारण के बारे में, तो चलिए जानते हैं।
बैलेंस डिसऑर्डर के लक्षण
कान से संबंधित कारण
यदि किसी व्यक्ति को सुनने समझने में परेशानी हो रही है, तो ये भी बैलेंस डिसऑर्डर का एक लक्षण होता है, जिसका कारण कान पर चोट लगना या फिर ऐसी दवाइयों का सेवन हो सकता है, जो कान के हानिकारक हो, जैसे- एस्प्रिन, जेन्टामायसिन, एमिकासिन, कीमोथेरेपी आदि। इन दवाइयों की वजह से बार-बार सर्दी जुकाम होने की भी समस्या हो सकती है।
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दिमाग से या नर्वस सिस्टम से संबंधित कारण
बैलेंस डिसऑर्डर का एक कारण दिमाग से जुड़ा हुआ भी हो सकता है। इसके कारण सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस ब्रेन इंफेक्शन जैसे- मेनिनजाइटिस, एन्सेफलाइटिस, ब्रेन टीबी आदि हो सकते हैं। यदि शरीर में विटामिन B-12 की कमी हो जाए, तो भी बैलेंस करने में दिक्कत हो सकती है।
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इलाज
बैलेंस डिसऑर्डर को दूर करने के लिए आयुर्वेदिक इलाज किया जा सकता है। दरअसल, आयुर्वेद में हर समस्या का हल है। ऐसे ही यदि कोई व्यक्ति बैलेंस डिसऑर्डर की समस्या से जूझ रहा है, तो वह किसी योग्य आयुर्वेद चिकित्सक से इलाज करा सकता है।
( डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)