नई दिल्ली: फोलिक एसिड यानी विटामिन बी-9 की कमी कई गंभीर बीमारी का कारण होती है। खासकर अगर फीमेल्स में अगर कम हो तो गर्भस्थ शिशु में रीढ़ की हड्डी ओर न्यूराल ट्यूब दोष भी हो सकता है। फोलिक एसिड की कमी से रेड बल्ड सेल और डीएनए का प्रोडक्शन कम होने लगता है।
यही नहीं ये बॉडी में न्यूट्रिशन्स के एब्जार्बशन में भी महत्वपूर्ण है। फोलिक एसिड ब्रेन, नर्वस सिस्टम और रीढ़ की हड्डी में तरल पदार्थ बनाए रखती हैं जो स्पायीना बिफिडा जैसे न्यूरल ट्यूब में होने वाले जन्मजात दोष से बचाता है। प्रेग्नेंसी में इसका यूज करने से मिसकैरेज का खतरा कम होता है।
फोलेट की कमी से होने वाले रोग
मेगालोब्लॉस्टिक एनीमिया, इसमें रेड ब्लड सेल नार्मल से बड़ी हो जाती है और उसका डेवलपमेंट सही से नहीं हो पाता।
वाइट ब्लड सेल और प्लेटलेट्स में कमी
गर्भस्थ शिशु में रीढ़ की हड्डी और मष्तिस्क सम्बन्धी गंभीर बीमारी का खतरा। यानी न्यूरल ट्यूब दोष।
फोलेट की कमी के लक्षण
फोलिक एसिड के लिए इन डाइट को जरूर लें
फोलिक एसिड के प्रमुख प्राकृति स्रोतों में हरी पत्तेदार सब्जियां, फलियां, बीज, अंडा, अनाज और खट्टे फल शामिल है। हरी पत्तेदार सब्जियों में पालक, शलजम का साग, अजमोद और शतावरी शामिल है। दाल, बींस और फलियां में पिंटो सेम, काले सेम, राजमा और किडनी बींस शामिल है। इसके अलावा फूलगोभी, ब्रोकली, पपीता और स्ट्रॉबेरी भी फोलिक एसिड का सोर्स हैं।
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