प्रेग्‍नेंसी में पेन किलर लेना हो सकता है खतरनाक, बच्‍चे पर पड़ेगा ये असर

हेल्थ
Updated Apr 17, 2018 | 20:02 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

प्रेग्‍नेंसी में यूं ही नहीं महिलाओं को थोड़ा ज्‍यादा ध्‍यान रखने की सलाह दी जाती है। उनको अपने साथ होने वाले बेबी की केयर भी करनी होती है। ऐसे में खासतौर पर दवाइयों को लेकर अलर्ट होने की जरूरत है। अगर ऐसा न किया जाए तो गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं।

 तस्वीर साभार: Thinkstock

लंदन : अगर आप गर्भावस्था के दौरान दर्द निवारक ले रही हैं तो सावधान! एक शोध में पता चला है कि इससे गर्भस्थ बच्चे की प्रजनन क्षमता पर असर पड़ सकता है। इस शोध का प्रकाशन पत्रिका 'इनवायरमेंटल हेल्थ पर्सस्पेक्टिव' में किया गया है। शोध से पता चलता है कि इन दवाओं से अजन्मे लड़के व लड़कियों दोनों की प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता है। शोध में कहा गया है कि इनका प्रभाव भविष्य की पीढ़ियों के प्रजनन क्षमता पर पड़ सकता है। यह डीएनए पर असर डाल सकते हैं। इसमें यह भी कहा गया है कि पैरासिटामॉल सहित कुछ दवाओं का इस्तेमाल गर्भावस्था के दौरान सावधानी से करना चाहिए।

ब्रिटेन के एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के प्रमुख शोधकर्ता रॉड मिशेल ने कहा क‍ि हम महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान दर्दनिवारक लेने में सावधानी बरतने व मौजूदा दिशा-निर्देशों को पालन करने व कम समय के लिए कम मात्रा में लेने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। वहीं कुछ दिनों पहले हुए एक शोध के मुताबिक महिलाओं में दर्द निवारक दवाएं यानी पेन किलर मेडिसिन का असर कम होता है। दर्द निवारक के महिलाओं में कम प्रभावी होने की वजह यह है कि पुरुष की तुलना में महिला के दिमाग की इम्यून कोशिकाएं ज्यादा सक्रियता होती हैं और वे दर्द महसूस कराती रहती हैं। 

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इस शोध का प्रकाशन पत्रिका 'न्यूरोसाइंस' में किया गया है। शोध के निष्कर्ष बताते हैं कि माइक्रोग्लिया पुरुषों की तुलना में ये महिलाओं के दिमाग के हिस्सों में ज्यादा सक्रिय होते हैं। गंभीर व पुराने दर्द के इलाज के लिए मारफीन का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन यह दवा अक्सर महिलाओं में कम प्रभावी होती है।अमेरिका के जार्जिया स्टेट विश्वविद्यालय की हिलेरी डोयले ने कहा कि वास्तव में नैदानिक और पूर्व नैदानिक दोनों शोध रिपोर्टो में पाया गया कि महिलाओं को पुरुषों की तुलना में समान दर्द से राहत के लिए करीब दोगुना मारफीन की जरूरत पड़ती है।

एजेंसी इनपुट : IANS 

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