आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि गार्डनिंग करने से दिमाग में गुड हार्मोंस का स्राव तेजी से बढ़ता है। गार्डनिंग यानी बागवानी सेहत को कई फायदे देती है। गार्डनिंग करने के दौरान ही केवल सेहत या मस्तिष्क को लाभ नहीं होता बल्कि इसके फायदे तब और मिलते हैं जब गार्डनिंग के बाद फूल, फल या सब्जियां उगती हैं। इससे मस्तिष्क में एक खुशनुमा अहसास होता है। गार्डनिंग से जहां शारीरिक मेहनत होती हैं, वहीं मस्तिष्क भी क्रियाशील होता है। हर रोज आधा घंटा अपने गार्डन को देने से आप लगभग 250 कैलोरी बर्न कर सकते हैं।
जानें, गार्डनिंग करने के फायदे
दूर होता है स्ट्रेस
गार्डनिंग करना बॉडी को रिलेक्स करता है। इससे आपके काम करने की क्षमता और दिमाग की सक्रियता बढ़ती है। इससे दिमाग में तनाव पैदा करने वाला कार्टिसोल हार्मोन निकलना बंद हो जाता है और दिमाग रिलेक्स होता है। गार्डनिंग करते हुए दिमाग क्रिएटिव कामों में लग जाता है, इससे तनाव दूर हो जाता है। गार्डनिंग एक तरह से खेल की तरह होता है। जिस तरह से खेलने पर दिमाग की सक्रियता बढ़ती है उसी तरह से गार्डनिंग से भी होता है।
बेहतर एक्सरसाइज का जरिया
गार्डनिंग करने से शरीर की अच्छी एक्सरसाइज होती है। बार-बार बैठना, उठना, झुकना, खड़े होने के साथ ही खुदाई, गुड़ाई, निराई, सिंचाई जैसी एक्टिविटी शरीर को एक्टिव करती है। इससे शरीर की अच्छी एक्सरसाइज होती है। इससे ब्लड सर्कुलेशन भी बढ़ता है।
होता है खुशनुमा अहसास
धूल-मिट्टी में नेचुलर एंटी-डिप्रेसेंट होता है, जिसे मायकोबैक्टेरियम वैके कहते हैं। इससे एंटी-डिप्रेसेंट माइक्रोब साइटोकिन लेवल बढ़ता है जिससे सेरोटोनिन का स्राव बढ़ता है। ये ऐसा हार्मोन है जो खुशी को बढ़ता है। वहीं गार्डनिंग करने के बाद फल, फूल या सब्जी आदि उगते हैं तो इससे मन में प्रसन्नता आती है। ये अपने आप इंसान को अपनी ओर आकर्षित करने लगता है।
याददाश्त बेहतर होती है
शोधों से बता चलता है कि गार्डनिंग करने से दिमाग कि क्रियाशीलता बढ़ती है इससे याददाश्त भी बेहतर होती है। शोध बताते हैं कि गार्डनिंग करने वाले लोगों में भूलने की बीमारी की संभावना गार्डनिंग न करने वालों की तुलना में 36% तक कम होती है।
शुद्ध हवा से फेफड़े रहते हैं स्वस्थ
गार्डनिंग करने का एक अप्रत्यक्ष फायदा ये होता है कि जब हम पेड़-पौधों के बीच होते हैं तो शुद्ध हवा मिलती रहती है। इससे फेफड़े भी स्वस्थ रहते हैं। मेडिसिनल प्लांट की खुशबू भी मन मस्तिष्क को प्रभावित करती है। वहीं आर्गेनिक फल-सब्जी भी खाने को मिलते हैं। इससे सेहत को एक नहीं दो फायदे होते हैं।
तो गार्डनिंग करने की आदत डाल लें, ताकि मन ही नहीं तन भी स्वस्थ बना रहे।