जानिए किस तरह करें बेहतर सैनिटाइजर का चुनाव, कोरोना वायरस से बचाव के लिए है जरूरी

कोरोना वायरस से बचाव के लिए साफ सफाई बेहद महत्वपूर्ण है। यही कारण है कि मार्केट में सैनिटाइजर की मांग बढ़ गई है। इस बीच हम आपको बताते हैं आप बेहतर सैनिटाइजर का चुनाव कैसे कर सकते हैं।

how to choose the right sanitiser
बेहतर सैनिटाइजर का चुनाव कैसे करें  |  तस्वीर साभार: Representative Image
मुख्य बातें
  • कोरोना वायरस से बचाव के लिए मार्केट में बढ़ी सैनिटाइजर की मांग
  • बढ़ती मांग को देखते हुए इसकी कालाबाजारी और नकली बिक्री भी हुई शुरू
  • आप बेहद आसान तरीके से सही सैनिटाइजर का चुनाव कर सकते हैं

कोरोना वायरस के कारण लोगों में सैनिटेशन (साफ सफाई) को लेकर सतर्कता बढ़ गई है। वे अब पहले से ज्यादा जागरुक हो गए हैं और अपने आप को अपने शरीर को और आस पास की चीजों को साफ सफाई से रख रहे हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक भी कोरोना वायरस का एकमात्र बचाव है संक्रमण से बचना और अपने आप को साफ सफाई से रखना। उनकी सलाह है कि कम से कम हर एक घंटे में अपना हाथ साबुन से 20 सेकेंड तक धोएं।

इसके साथ ही ये भी कहा गया है कि बार-बार अपना हैंड सैनिटाइज करें। यही कारण है कि मार्केट में इन दिनों सैनिटाइजर की डिमांड बढ़ गई है। इसकी बढ़ती मांग को लेकर कहीं-कहीं पर इसकी कालाबाजारी भी शुरू कर दी गई है, और तो और नकली हैंड सैनिटाइजर भी बेचे जा रहे हैं। ऐसे में बेहद मुश्किल हो जाता है कि हम बेहतर क्वालिटी का सैनिटाइजर कैसे चूज करें और उसका इस्तेमाल कर अपने आप को संक्रमण से बचाएं।

आज हम आपको इसी के बारे में बताएंगे कि आप बेहतर क्वालिटी का हैंड सैनिटाइजर कैसे चूज करेंगे-

  1. सैनिटाइजर कीटाणुओं को फैलने से रोकते हैं। सैनिटाइजर खरीदने से पहले उसकी सच्चाई जाननी जरूरी है और इसके लिए आपको खरीदने से पहले उसके ऊपर लगे लेबल को जरूर पढ़ना चाहिए।  
  2. हैंड सैनिटाइजर में कई हानिकारक घटक (इंग्रीडियेंट्स) मिले होते हैं जो त्वचा के लिए खतरनाक होते हैं। इसलिए खरीदने से पहले इसके घटक को जरूर ध्यान से पढ़ लें। 
  3. सोडियम लॉरेल सल्फेट रसायन वाले सैनिटाइजर को ना लें। यह एक कृत्रिम सैनिटाइजर होता है जो कोल तार से बनाया जाता है इसे औद्योगिक क्लीनिंग के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है। इसी प्रकार प्रोपाइलिन ग्लाइकॉल और इथाइल अल्कोहल जैसे भी रसायन खतरनाक होते हैं।
  4. हमेशा अल्कोहल रहित सैनिटाइजर की तलाश करें जो सैम्य व प्राकृतिक घटकों से मिलकर बना हो।
  5. प्राकृतिक और ऑर्गैनिक नामों से ना भ्रमित हों। कभी कभी डिब्बों पर लिख दिया जाता है प्राकृतिक या ऑर्गैनिक। लेकिन आपको जानना चाहिए कि मार्केटिंग के लिए आजकल सब कुछ जायज है इसके लिए बेहतर तरीका है आप सीधे इसमें लिखे इंग्रीडियेंट को ध्यान से देखें वहां से आपको पता चल जाएगा कि ये प्राकृतिक है या नहीं।
  6. सुगंधरहित हो और हार्श केमिकल ना हो। केमिकल और फ्रेगरेंस स्किन के लिए हानिकारक होता है। इसलिए हमेशा ऐसे सैनिटाइजर का चुनाव करें जिसमें कोई तेज हार्श केमिकल ना मिला हो साथ ही इससे किसी प्रकार की कोई सुगंध ना आती हो।

  7. डॉक्टरों का कहना है कि सैनिटाइजर में हल्के मात्रा में अल्कोहल का होना जरूरी है लेकिन वैसा जो आपके स्किन को सूट करता हो और बैक्टीरिया कीटाणुओं को मार सकता हो। ध्यान रखें कि ये अल्कोल प्राकृतिक (वानस्पतिक) हो जिसे इथेनॉल भी कहा जाता है। ऐसा सैनिटाइजर जो हाइड्रेटेड हो और जो स्किन को अच्छे से मॉइश्चर भी करे।

  8. प्राकृतिक तरीके से बैक्टीरिया का खात्मा करे और इससे त्वचा भी रुखी ना हो साथ ही त्वचा पर किसी प्रकार की एलर्जी ना हो। जो पूरी तरह से वीगन हो और बच्चों और बुजुर्गों के लिए पूरी तरह से सेफ हो।


     

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