नई दिल्ली : मोटापा एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर में बहुत अधिक वसा (फैट) जमा हो जाता है। यह आम तौर पर तब होता है जब कोई व्यक्ति अत्यधिक भोजन का सेवन करता है और नियमित रूप से शारीरिक गतिविधियों में शामिल नहीं होता। मोटापे से ग्रस्त लोगों को मधुमेह, नींद, अश्व्सन और ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसे रोग लगने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
मोटापा आमतौर पर अत्यधिक भोजन का सेवन और नियमित शारीरिक व्यायाम की कमी के कारण होता है। मोटापे को एक आनुवांशिक समस्या होने के संदेह से भी देखा जाता है। मोटापे का कारण ऊर्जा के सेवन और ऊर्जा के उपयोग के बीच असंतुलन के कारण होता है। अधिक चर्बीयुक्त आहार का सेवन करना भी मोटापे का कारण है।
कम व्यायाम करना और स्थिर जीवन-यापन मोटापे का प्रमुख कारण है। असंतुलित व्यवहार और मानसिक तनाव की वजह से लोग ज्यादा भोजन करने लगते हैं, जो मोटापे का कारण बनता है। शारीरिक क्रियाओं के सही ढंग से नहीं होने पर भी शरीर में चर्बी जमा होने लगती है। बाल्यावस्था और युवावस्था के समय का मोटापा व्यस्क होने पर भी रह सकता है।
क्या होते हैं मोटापे के लक्षण
मोटापे से बचाव
मोटापा घटाने के घरेलू उपचार
नींबू और शहद का सेवन : पानी के जरिये आप मोटा होने से बच सकते हैं। रोज 24 hours में 13 लीटर पानी पियें। हमेशा खाने से 20-25 मिनट पहले शहद और नींबू का सेवन बेहद जरूरी है। मोटापा घटाने के लिए पाचन क्रिया ठीक होना बेहद जरूरी है क्योंकि ये शरीर को अतिरिक्त चर्बी को जलाने में पोषक तत्व प्रदान करता है। साथ ही ये मेटाबॉलिज्म को कम करने वाले पदार्थों तों को बॉडी से बाहर निकलता है। तीन चम्मच नींबू के रस में एक चम्मच शहद को एक ग्लास गरम पानी में डालकर घोलकर रोज सुबह खाली पेट पिएं और कम से कम तीन महीने तक ऐसा करें। नतीजा आपको हैरान कर देगा।
ग्रीन टी : आजकल ग्रीन टी भी काफी लोकप्रिय माना जा रहा जो मोटापा या वजन कम करने काफी मदद करता है। ग्रीन टी में epigalllocatechn-3-gallate (EGCG) नामक योगिक पाया जाता है जो बॉडी के फेट को कम करने मदद करता है।आप इसे रोज पियें। एक कप गरम पानी करें। फिर गैस बंद करके उसमे ग्रीन टी डाले और फिर ढक दें। फिर इसे छान कर पी ले। रोजाना दिन में एक बार ग्रीन टी जरूर पियें।
करी पते : करी पत्तों में alkaloid पाया जाता है, जो वजन कम करने के लिए अचूक उपाय है। रोज सुबह 10 ताजा करी पत्तों का सेवन करें।
शहद और दालचीनी : शहद और दालचीनी की चाय के सेवन से मेटाबॉलिज्म तेज होता है। शहद पेट के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाकर मोटापा से लड़ता है। एक कप गरम पानी में डेढ़ चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाएं और फिर एक चम्मच शहद मिलाएं। इसकी आधी मात्रा को सुबह खाली पेट और रात को सोने से पहले सेवन करें।
सौंफ : सौंफ के बीजों में मूत्रवर्धक गुण होते है जो मोटापा कम करने में लाभकारी माना जाता है। सौंफ के बीजो को सुखाकर भून लें और फिर इनको पीस कर पाउडर बना लें। इस पाउडर को रोज दिन में दो बार डेढ़-डेढ़ चम्मच लेकर गरम पानी के साथ सेवन करें।
हरी सब्जियों का सेवन : हरी सब्जियां खाने से हमारा वेट बढ़ता नहीं है। हमें रोजाना हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए जैसे कि पालक, गोभी आदि।
फ्रूट जूस : फल खाने और फलों से जूस से मोटापा नहीं बढ़ता। सप्ताह में 2 से 3 बार खाना खाने की जगह सिर्फ फल खाएं। फल में आप अमरूद, नाशपाती, संतरे, ब्लूबेरीज, स्ट्राबेरीज, सेब आदि का सेवन करें।
योग और मोटापा
नियमित रूप से योग क्रियाएं करने से आप अपने आप को फिट और स्वस्थ रख सकते हैं। योग के जरिये कई रोगों का इलाज किया जा सकता है। कई प्रकार के योगासन से मोटापे जैसे समस्या से भी निजात पायी जा सकती है।
यहां बताए गए योगासन को सुबह नियमित रूप से 8 से 10 बार दोहराएं। अगर नियमित रूप से आसन किये जाएं तो महीने में आप 5 किलो तक वजन कम कर सकते हैं।
कपालभाति : सांस को तेजी से नाक से बाहर फेंकें, जिससे पेट अंदर-बाहर जाएगा। 5-10 मिनट करें। हाई बीपी वाले धीरे करें और कमर दर्द वाले कुर्सी पर बैठकर करें।
अग्निसार : खड़े होकर पैरों को थोड़ा खोलकर हाथों को जंघाओं पर रखें। सांस को बाहर रोक दें। फिर पेट की पंपिंग करें फिर छोड़ें। हाई बीपी, स्लिप डिस्क, पेट का ऑपरेशन करा चुके लोग इसे न करें।
उर्ध्व हस्तोत्तानासन : खड़े होकर पैरों को थोड़ा खोलें। हाथों की उंगलियों को फंसाकर सिर के ऊपर उठा लें। सांस निकालें और कमर को लेफ्ट साइड में झुका लें। दूसरी ओर भी करें।
दुत उत्तानपादासन : कमर के बल लेटकर हाथों को जंघाओं के नीचे जमीन पर रखें। दोनों पैरों को 90 डिग्री तक ऊपर उठाएं। इस प्रकार जमीन पर बिना टिकाए बार-बार पैरों को ऊपर-नीचे करते रहें। कमर दर्द वाले इसे न करें।
हृदय स्तंभासन : कमर के बल लेटकर हाथों को जंघाओं के ऊपर रखें। सांस भरकर पैरों को उठाएं। सिर और कमर को उठाएं। इस दौरान शरीर का भार हिप्स पर रहेगा।
द्विपाद साइकलिंग : कमर के बल लेटे-लेटे ही दोनों पैरों को मिलाकर एक साथ साइकलिंग की तरह घुमाएं। थकान होने तक लगातार घुमाते रहें। हाथों को कमर के नीचे रखें।
भुजंगासन : पेट के बल लेटकर दोनों हाथों को हिप्स के नीचे रखें। सांस भरते हुए आगे से सिर और छाती को ऊपर उठाकर पीछे की ओर मोड़ लें।
उज्जायी प्राणायाम : थायरॉइड के मरीजों के लिए यह काफी फायदेमंद है। सीधे बैठकर सांस बाहर निकालें। अब सांस भरते हुए गले की मांसपेशियों को टाइट करें और सांस भरते जाएं। गले से घर्षण की आवाज करते जाएं। फिर नाक से सांस धीरे से बाहर निकाल दें।
(लेखक जाने-माने योग गुरु हैं)
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