गुस्‍सा काबू में नहीं रहता तो करें मेड‍िटेशन, होंगे ये गजब के फायदे भी

हेल्थ
Updated Jul 21, 2018 | 17:03 IST | Yogi Dr. Amrit Raj

How to do meditation and its benefits : मेडिटेशन करने से मन शांत रहता है और इससे जिंदगी में सकारात्‍मकता बढ़ती है। लेकिन ये फायदा तभी मिलेंगे जब मेडिटेशन को सही तरीके से किया जाएगा। मेडिटेशन पर ये विस्‍तृत लेख इस प्रक्र‍िया से जुड़े आपके तमाम सवालों के जवाब देगा।

How to do meditation
Meditation has immense benefits  |  तस्वीर साभार: Thinkstock

नई द‍िल्‍ली : मेडिटेशन यानी ध्यान एक प्रकार की क्रिया है जिसमें इंसान अपने मन को चेतन की एक विशेष अवस्था में लाने की कोशिश करता है। मेडिटेशन का उद्देश्य लाभ प्राप्त करना भी हो सकता है या मेडिटेशन करना अपने आप में एक लक्ष्य हो सकता है। इसमें अपने मन को शान्ति देने से लेकर आन्तरिक ऊर्जा या जीवन-शक्ति (की, प्राण आदि) का निर्माण करना हो सकता है जो हमारी जिंदगी मे सकरात्मकता और खुशहाली लाती है। 

दरअसल हमारे मन में एक साथ असंख्य कल्पना और विचार चलते रहते हैं। इससे मन-मस्तिष्क में कोलाहल-सा बना रहता है। हम नहीं चाहते हैं फिर भी यह चलता रहता है। आप लगातार सोच-सोचकर स्वयं को कम और कमजोर करते जा रहे हैं। ध्यान अनावश्यक कल्पना व विचारों को मन से हटाकर शुद्ध और निर्मल मौन में चले जाना है। 

ध्यान जैसे-जैसे गहराता है व्यक्ति साक्षी भाव में स्थित होने लगता है। उस पर किसी भी भाव, कल्पना और विचारों का क्षण मात्र भी प्रभाव नहीं पड़ता। मन और मस्तिष्क का मौन हो जाना ही ध्यान का प्राथमिक स्वरूप है। विचार, कल्पना और अतीत के सुख-दुख में जीना ध्यान विरुद्ध है। इंद्रियां मन के साथ, मन बुद्धि के साथ और बुद्धि अपने स्वरूप आत्मा में लीन होने लगती है।

मेडिटेशन करने के लिए जिन्हें साक्षी या दृष्टा भाव समझ में नहीं आता, उन्हें शुरू में ध्यान का अभ्यास आंख बंद करने करना चाहिए। फिर अभ्यास बढ़ जाने पर आंखें बंद हों या खुली, साधक अपने स्वरूप के साथ ही जुड़ा रहता है और अंतत: वह साक्षी भाव में स्थिति होकर किसी काम को करते हुए भी ध्यान की अवस्था में रह सकता है। 

1. सुविधाजनक समय को चुनें 
ध्यान वास्तव में विश्राम का समय है, इसलिये इसे अपनी सुविधा के अनुसार करें। ऐसा समय चुना चाहिए जब एकांत हो और आपको किसी प्रकार की जल्दी नहीं हो। सूर्योदय और सूर्यास्त का समय जब प्रकृति दिन और रात में परिवर्तित होती है, यह समय ध्यान का अभ्यास करने लिये सबसे आदर्श है।

 2. शांत स्थान चुने 
सुविधाजनक समय के साथ सुविधाजनक स्थान को चुने जहां आप को कोई परेशान न कर सके। शांत और शांतिपूर्ण वातावरण ध्यान के अनुभव को और अधिक आनंदमय और विश्रामदायक बनाता है।

3. आराम से बैठें 
ध्यान के समय सुखद और स्थिर बैठना बहुत आवश्यक है। आप ध्यान करते समय सीधे बैठें और रीड की हड्डी सीधी रखे, अपने कंधे और गर्दन को विश्राम दे और पूरी प्रक्रिया के दौरान आँखे बंद ही रखें। ध्यान करते समय आप आराम से चौकड़ी मार कर (आलती-पालती) बैठ सकते हैं, पद्मासन में बैठने की आव्यशकता नही है।

4. पेट को खाली रखें 
भोजन से पहले समय ध्यान के लिए अच्छा होता है। भोजन के बाद में आप को नींद लग सकती है। जब आप को काफी भूख लगी हो तो ध्यान करने का अधिक प्रयास न करें। भूख की ऐंठन के कारण आपको इसे करने में कठिनाई होगी और हो सकता है कि पूरे वक्त आप सिर्फ खाने के बारे में सोचे। ऐसें में आप भोजन के दो घंटे उपरांत ध्यान कर सकते हैं।

5. इसे वार्मअप से शुरू करें
ध्यान के पहले थोड़ी देर का वार्मअप या सूक्ष्म योग करने से आपके रक्त परिसंचरण में सुधार होता है, शरीर की जड़ता और बैचेनी दूर होती है और शरीर में हल्कापन महसूस होता है। इससे आप स्थिरता के साथ अधिक समय बैठ सकते है।

6. कुछ लंबी गहरी सांस लें 
ध्यान के पहले गहरी सांस लेना और छोड़ना और नाड़ी शोधन प्राणायाम करना अच्छा होता है। इससे सांस की लय स्थिर हो जाती है और मन शांतिपूर्ण ध्यान अवस्था में चला जाता है।

7. अपने चेहरे पर सौम्य मुस्कान बना कर रखें 
अपने चेहरे पर सौम्य मुस्कान लाने से आप अपनेआप में फर्क महसूस करेंगे। एक निरंतर सौम्य मुस्कान से आप आराम औए शांति महसूस करेंगे और यह आपके ध्यान के अनुभव को बढ़ाता है।

8. अपनी आंखों को धीरे-धीरे सौम्यता से खोले
जैसे आप ध्यान के अंत में पहुंचे तो अपनी आंखों को खोलने में जल्दी न करें। आंखें खोलने पर मन बाहरी चीजों के तरफ भागने लगता है, इसलिए ध्यान के बाद धीरे से इनको खोलें। अपने प्रति और वातावरण के प्रति सजग होने के लिये समय लें।

ध्यान से शारीरिक स्तर पर होने वाले लाभ

  • उच्च रक्तचाप का कम होना, रक्त में लैक्टेट का कम होना, उद्वेग/व्याकुलता का कम होना।
  • तनाव से सम्बंधित शरीर में कम दर्द होता है। तनाव जनित सिरदर्द, घाव, अनिद्रा, मांशपेशियों एवं जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है।
  • भावदशा व व्यवहार बेहतर करने वाले सेरोटोनिन हार्मोन का अधिक उत्पादन होता है।
  • प्रतिरक्षा तंत्र में सुधार आता है।
  • ऊर्जा के आतंरिक स्रोत में उन्नति के कारण ऊर्जा-स्तर में वृद्धि होती है।

ध्यान के 11 मानसिक लाभ 
ध्यान, मस्तिष्क की तरंगों के स्वरुप को अल्फा स्तर पर ले आता है जिससे चिकित्सा की गति बढ़ जाती है। मस्तिष्क पहले से अधिक सुन्दर, नवीन और कोमल हो जाता है। ध्यान मस्तिष्क के आतंरिक रूप को स्वच्छ व पोषण प्रदान करता है। जब भी आप व्यग्र, अस्थिर और भावनात्मक रूप से परेशान होते हैं तब ध्यान आपको शांत करता है। ध्यान के सतत अभ्यास से होने वाले लाभ निम्नलिखित हैं:

  • व्यग्रता का कम होना
  • भावनात्मक स्थिरता में सुधार
  • रचनात्मकता में वृद्धि
  • प्रसन्नता में संवृद्धि
  • सहज बोध का विकसित होना
  • मानसिक शांति एवं स्पष्टता
  • परेशानियों का छोटा होना
  • ध्यान मस्तिष्क को केन्द्रित करते हुए कुशाग्र बनाता है तथा विश्राम प्रदान करते हुए विस्तारित करता है।
  • बिना विस्तारित हुए एक कुशाग्र बुद्धि क्रोध, तनाव व निराशा का कारण बनती है।
  • एक विस्तारित चेतना बिना कुशाग्रता के अकर्मण्य/ अविकसित अवस्था की ओर बढ़ती है।
  • कुशाग्र बुद्धि व विस्तारित चेतना का समन्वय पूर्णता लाता है।

ध्यान के 3 आध्यात्मिक लाभ 
ध्यान का कोई धर्म नहीं है और किसी भी विचारधारा को मानने वाले इसका अभ्यास कर सकते हैं।

  • 1. मैं कुछ हूँ इस भाव को अनंत में प्रयास रहित तरीके से समाहित कर देना और स्वयं को अनंत ब्रह्मांड का अविभाज्य पात्र समझना।
  • 2. ध्यान की अवस्था में आप प्रसन्नता, शांति व अनंत के विस्तार में होते हैं और यही गुण पर्यावरण को प्रदान करते हैं, इस प्रकार आप सृष्टी से सामंजस्य में स्थापित हो जाते हैं।
  • 3. ध्यान आप में सत्यतापूर्वक वैयक्तिक परिवर्तन ला सकता है। क्रमशः आप अपने बारे में जितना ज्यादा जानते जायेंगे, प्राकृतिक रूप से आप स्वयं को ज्यादा खोज पाएंगे।

ध्यान के लाभ कैसे प्राप्त करें 
ध्यान के लाभों को महसूस करने के लिए नियमित अभ्यास आवश्यक है। प्रतिदिन यह कुछ ही समय लेता है। प्रतिदिन की दिनचर्या में एक बार आत्मसात कर लेने पर ध्यान दिन का सर्वश्रेष्ठ अंश बन जाता है। ध्यान एक बीज की तरह है। जब आप बीज को प्यार से विकसित करते हैं तो वह उतना ही खिलता जाता है.
प्रतिदिन, सभी क्षेत्रों के व्यस्त व्यक्ति आभार पूर्वक अपने कार्यों को रोकते हैं और ध्यान के ताज़गी भरे क्षणों का आनंद लेते हैं। अपनी अनंत गहराइयों में जाएं और जीवन को समृद्ध बनाएं।

छात्रों हेतु ध्यान के 5 लाभ 

  • आत्मविश्वास में वृद्धि
  • अधिक केन्द्रित व स्पष्ट मन
  • बेहतर स्वास्थ्य
  • बेहतर मानसिक शक्ति व ऊर्जा
  • अधिक गतिशीलता

(लेखक जाने-माने योग गुरु हैं) 

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