होम आइसोलेशन में रहते हुए घट जाए ऑक्‍सीजन का लेवल तो अपनाएं ये तरीका

कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान बहुत से मरीज होम आइसोलेशन में हैं। कोविड-19 के बीच बढ़ते ऑक्‍सीजन संकट के बीच Proning का तरीका काफी मददगार समझा जा रहा है।

होम आइसोलेशन में रहते हुए घट जाए ऑक्‍सीजन का लेवल तो अपनाएं ये तरीका
होम आइसोलेशन में रहते हुए घट जाए ऑक्‍सीजन का लेवल तो अपनाएं ये तरीका  |  तस्वीर साभार: PTI

नई दिल्‍ली : कोरोना वायरस संक्रमण के कारण देशभर में एक बड़ा स्‍वास्‍थ्‍य संकट पैदा हो गया है। अस्‍पतालों में मरीजों के लिए आईसीयू बेड उपलब्‍ध नहीं हैं और ऑक्‍सीजन की कमी भी हो गई है। मरीजों की बढ़ती संख्‍या और चरमराई स्‍वास्‍थ्‍य व्‍यवस्‍था के बीच बड़ी संख्‍या में लोगों का इलाज घर में ही हो रहा है, जिनमें से कई गंभीर रोगी भी हैं। अस्‍पतालों में बेड नहीं मिलने की वजह से उन्‍हें घर में ही ऑक्‍सीजन मुहैया कराया जा रहा है।

Proning के फायदे?

कोविड-19 के कारण पैदा हुए इस संकटपूर्ण हालात के बीच स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने बताया है कि कुछ उपायों को अपनाकर शरीर में ऑक्‍सीजन के स्‍तर को कुछ हद तक बढ़ाया जा सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, इससे 5 से 10 फीसदी तक ऑक्‍सीजन का स्‍तर बढ़ाया जा सकता है। इस प्रक्रिया को Proning कहा जाता है, जिसमें मरीज को बिस्‍तर पर पेट के बल तकियों के सहारे लेटना होता है।

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कब करें Proning?

होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के लिए इसे बेहद अहम समझा जा रहा है। कोरोना मरीजों को Proning की जरूरत उस वक्‍त होती है, जब उन्‍हें सांस लेने में दिक्कत हो रही हो और शरीर में ऑक्सीजन का स्तर 94 से नीचे चला जाए। ऐसे में Proning को काफी अहम माना जा रहा है और विशेषज्ञों का मानना है कि समय रहते यह प्रक्रिया अपनाने से कई लोगों की हालत बिगड़ने से बचाई जा सकती है।

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कैसे करें Proning?

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने Proning को लेकर जो जानकारी दी है, उसके मुताबिक, रोगी को बिस्‍तर पर पेट के बल लेटना है। एक तकिया गर्दन के नीचे सामने से रखें, एक-दो तकिये छाती और पेट के नीचे रखें और दो तकिये पैरों के नीचे रखें। इस तरह Proning के लिए मरीज को चार-पांच तकिये की जरूरत पड़ेगी। दौरान रोगी को लगातार लंबी सांस लेते रहना है। साथ ही एक बार में 30 मिनट से ज्यादा ऐसा नहीं करना है।

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चेतावनी

स्वास्थ्य मंत्रालय ने Proning को लेकर कुछ और चेतावनी भी दी है, जिसमें कहा गया है कि भोजन करने के बाद एक घंटे तक इस क्रिया को नहीं करना चाहिए। यह तभी करना चाहिए, जब इसे करने में किसी तरह की परेशानी महसूस न हो। साथ ही जो महिलाएं गर्भवती हैं, उन्‍हें भी इसे नहीं करने की जरूरत है।

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हृदय रोग और स्‍पानल संबंधी समस्‍याओं से जूझ रहे लोगों को भी इससे परहेज करने की सलाह दी गई है।

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