कई बार लोगों को डेंगू के बुखार के लक्षण पता नहीं होते और इस कारण बुखार आने पर भी वह इसे सामान्य बुखार समझ कर नजरअंदाज करते रहते हैं। जबकि डेंगू का बुखार बहुत तेजी से लोगों पर असर करता है और इसमें आराम न किया जाए तो यह गंभीर रूप धारण कर लेता है। यह बात सही है कि साधारण बुखार और डेंगू के शुरुआती लक्षण सामान्य से नजर आते हैं लेकिन अगर थोड़ी सावधानी इस पर नजर बनाए रखा जाए तो आसानी से इसमें अंतर किया जा सकता है।
डेंगू एडीज मच्छरों के काटने से फैलता है और ये बरसात और उसके बाद होने वाली धूप के दौरान ज्यादा होते हैं। डेंगू का मच्छर काटने के बाद बुखार आता है लेकिन अगर इस बुखार को पहचाने के लिए कुछ बातों पर ध्यान देना जरूरी होगा। सामान्य बुखार में दवा देने पर ये उतर जाता है लेकिन कई बार डेंगू के बुखार में ऐसा कई बार नहीं होता। ऐसे ही कई और लक्षण हैं जिससे दोनों बुखार के अंतर को पहचाना जा सकता है।
कब फैलता है डेंगू
साधारण बुखार कभी भी किसी भी सीजन में हो जाता है लेकिन डेंगू पर्टिकुलर जुलाइ्र से अक्टूबर के बीच में ही फैलता है। इस महीनों में डेगू के मच्छर पैदा होते हैं और अपना कहर बरपाते हैं।
दोनों बुखार का अंतर समझे
साधारण बुखार जब भी होता है तो मस्तिष्क का तापमान बढ़ते ही शरीर भी अपना तापमान बढ़ाने लगता है। यही कारण है कि जब माथा गर्म होता है तो उस पर ठंडे पानी की पट्टी रखा जाता है। कई बार मलेरिया, निमोनिया या टाइफाइट होने पर भी बुखार होता है। डेंगू 4 प्रकार के वायरस अटैक से होता है। इसमें डी-1, डी-2, डी-3, डी-4 वायरस होते हैं। डेंगू का मच्छर हमेशा दिन में ही काटता है। डेंगू होने पर बुखार उतरता नहीं और कंपकपी के साथ बुखार चढ़ता ही रहता है।
सामान्य बुखार से अलग ऐसे है डेंगू
सामान्य बुखार सामान्य ठंड के साथ आता है और दवा देने पर उतर भी जाता है। कई बार इसमें छींक आना, नाक बहना या बदन में दर्द जैसे लक्षण नजर आते हैं। यही नहीं जब बुखार उतरता है तो खूब पसीना होता है। अगला बुखार अगर वायरल में चढ़ता है तो वह कम से कम चार से छह घंटे बाद चढ़ता है जबकि डेंगू में बुखार तुरंत ही चढ़ने लगता है। डेंगू में ठंड के साथ तेज बुखार आता है और सिर से लेकर मांसपेशियों और जोड़ों में भी दर्द होता है। इतना ही नहीं आंखों के पिछले भाग में डेंगू में दर्द होता है। एक दिन कि बुखार में ही शरीर बिलकुल कमजोर हो जाती है। शरीर पर लाल दाने या चकत्ते उभर आते हैं। भूख भी कम लगने लगती है। कई बार बीमारी बढ़ने पर बेचैनी और बल्ड प्रेशर भी कम होने लगता है।
शरीर का तापमान
साधारण बुखार में तापमान 100 से 102 डिग्री या बहुत अधिक होने पर 103 तक पहुंच जाता है लेकिन डेंगू में बुखार 103 से ही शुरू होता है। इससे नीचे बुखार नहीं आने पाता। इतना ही नहीं कई बार बुखार 105 डिग्री तक भी पहुंचने लगता है।
डेंगू और सामान्य बुखार के खतरे में अंतर
साधारण बुखार के एक नहीं कई कारण होते हैं। साधारण बुखार में भी अगर लापरवाही की जाए तो दिमाग पर चढ़ जाता है और जानलेवा बन सकता है। जबकि डेंगू के बुखार में शरीर में बुखार के साथ ब्लड से प्लेटलेट्स तेजी से कम होने लगते हैं। इससे खतरा सामान्य बुखार से कई गुना ज्यादा होता है। डेंगू में इम्युन काफी वीक हो जाता है और मरीज बेहद कमजोर हो जाता है। हालांकि डेंगू का उपचार कोई जटिल नहीं लेकिन बुखार को समझना बेहद जयरी होता है ताकि प्लेटलेट्स कम न होने पाए। डेंगू के बुखार में आराम करना और लिक्विड डाइट लेना बहुत अहम होता है। इतना कर के भी आप प्लेटलेट्स को गिरने से बचा सकते हैं। जबकि सामान्य बुखार में प्लेटलेट्स गिरने की समस्या नहीं होती।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता।
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