नई दिल्ली: आयुर्वेद के मुख्य दो प्रयोजन है -
"स्वस्थ्यस्य स्वास्थ्य रक्षणम् |
आतुरस्य विकार प्रशमनं च ||"
अर्थात्, स्वस्थ( निरोगी ) व्यक्ति का स्वास्थ्य बरकरार रखना , मतलब इम्यूनिटी (रोगप्रतिकारक शक्ति) अच्छी रखना यह आयुर्वेदा का मुख्य प्रयोजन है और उसके बाद आता है आतुर मतलब रोगी व्यक्ति का रोग या विकार दूर करना।
हर एक प्रकार की व्याधि या कोई भी विषाणु से बचने के लिए हमारी इम्यूनिटी मतलब रोगप्रतिकारक शक्ति अच्छी होनी यह सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बात है और यह इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आयुर्वेद में सालों पहले से ही दिनचर्या रितु चर्या स्टोर आहार विधि-विधान जैसे अनेक चीजें बताई है जिनका उपयोग हम दैनंदिन जीवन जीवन में आजमा के हमारी इम्यूनिटी अच्छी कर सकते हैं जैसे कि -
1) दिनचर्या
जैसा कि आयुर्वेद में कहां है ब्रह्म्ो मुहूर्त उत्तिष्ठे मतलब सुबह जल्दी उठना , रात्रि जागरण न करना, दिन में ना सोना ( ग्रीष्म ऋतु अपवाद) ऐसी दिनचर्या का पालन हमेशा होना चाहिए
2) अभ्यंग
"अभ्यंगम् आचरे नित्यम् स जराश्रमवातहा |
दृष्टिप्रसादपुष्टआयु : स्वप्नसुत्वकत्वदार्ढ्यकृत् ||"
प्रतिदिन अभ्यंग (तेल से मसाज) करने से शरीर को मन को पुष्टि मिलती है
वैसे ही कर्ण (कान) , पैर, सिर यह तीन अवयवों को प्रतिदिन अभ्यंग करना लाभप्रद है।
3) योगाभ्यास
प्रतिदिन शरीर का योग्य व्यायाम होना यह योगाभ्यास से सिद्ध होगा। दिन भर में कम से कम 20 मिनट तक प्राणायाम,ओंकार, कपालभाति इन चीजों का करना बहुत ही आवश्यक है वैसे ही गर्मी के मौसम में "शीतली क्रिया" बहुत ही लाभप्रद रहेगी। इन सब चीजों से हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहने में मदद होगी जिससे रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ेगी
घरेलू नुस्खे
1) गोल्डन मिल्क - प्रतिदिन सुबह दूध के साथ हल्दी का सेवन करने से इम्यूनिटी बढ़ने में मदद होगी
2) काढ़ा या मसाला चाय -
अदरक , काली मिर्च, तुलसी, दालचीनी, अश्वगंधा यह सब चीज है यह सब चीज है २ कप पानी में डालकर उन्हें अच्छे से उबाल के उसे एक कप बचाए रखना है ऐसा काढ़ा या चाय के स्वरूप में आप दिन में 1-2 बार सेवन कर सकते हैं।
3) रसायन औषधि
आमला फल स्वरूप या आमला चूर्ण स्वरूप में खाना यह आपके शरीर के लिए लाभप्रद रहेगा। आजकल के जमाने में आंवला कैंडी जो खड़ी शक्कर में बनाई जाए वह भी एक अच्छा ऑप्शन रहेगा।
(इस लेख की लेखिका डॉक्टर मिताली धनवाड़े हैं जो वेदिक्यूर हेल्थकेयर एंड वेलनेस की आयुर्वेद सलाहकार हैं।)