Computer Vision Syndrome Symptoms: प्राइवेट सेक्टर पर काम करने वाले लोगों पर काम का दबाव ज्यादा होता है। दिनभर कंप्यूटर व लैपटॉप का काम होता है। हर दिन कई घंटे कंप्यूटर लैपटॉप पर काम करने के कारण आंखों में कई तरह की समस्याएं हो जाती हैं और यह समस्या इतनी गंभीर हो जाती है कि इसका अंदाजा भी व्यक्ति नहीं लगा पाता है। ऐसे में व्यक्ति धीरे धीरे कंप्यूटर विजन सिंड्रोम नाम की खतरनाक बीमारी का शिकार हो जाता है। यह बीमारी ज्यादा समय कंप्यूटर टेलीविजन मोबाइल देखने वाले लोगों को होती है। इसमें आंखों पर अत्यधिक दबाव पड़ता है। इससे आंखें थकी थकी नजर आती है। कामकाजी व्यक्ति ही नहीं बल्कि आजकल युवाओं में भी यह समस्या ज्यादा देखने को मिल रही है। आइए जानते हैं क्या है इस बीमारी के लक्षण व कैसे व्यक्ति हो रहा है इस बीमारी का शिकार।
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ये है कंप्यूटर विजन सिंड्रोम के लक्षण
कंप्यूटर विजन सिंड्रोम की शुरुआत आंखों में रुखेपन से होती है। बार-बार व्यक्ति को लगता है कि उसके आंखों में धूल, मिट्टी चली गई हो। इसके अलावा कुछ लोग जब स्क्रीन या टीवी को देखते हैं तो आंखों के पलकों को झुकाना भूल जाते हैं। जिसके चलते आंखों में पानी आने लगता है। आंखों में जलन और आंखें लाल हो जाती हैं। आंखों से धुंधला दिखाई देता है। इस बीमारी के चलते कमर व गर्दन में भी दर्द होता है।
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ऐसे करें अपना बचाव
कंप्यूटर विजन सिंड्रोम से बचाव के लिए आपको टीवी, लैपटॉप का स्क्रीन देखते समय चश्मा जरूर लगाएं। इसके अलावा कंप्यूटर पर काम करने के दौरान बीच में ब्रेक जरूर लें। एक घंटे का ब्रेक बीच में जरूर लें। किसी भी स्क्रीन को ज्यादा नजदीक से न देखें। कंप्यूटर की स्क्रीन और आंखों के बीच कम से कम 18-30 इंच की दूरी होनी चाहिए। इसके अलावा कंप्यूटर पर काम करने के दौरान एक ही मुद्रा पर न बैठे। बीच-बीच में बैठने की मुद्रा बदलते रहें। काम करने के दौरान पलकें झपकाना मत भूलें। बीच-बीच में आंखों की एक्सरसाइज भी करते रहें।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)