पानी जीवन की आधारभूत जरूरतों में से एक है। हालांकि, दुनिया में बहुतायत आबादी ऐसी भी है, जिसे साफ और शुद्ध पीने का पानी मयस्सर नहीं है। यहां तक कि नहाने और साफ सफाई के लिए भी साफ पानी नहीं मिल पाता है। देश की राजधानी में ही ये आलम है कि लोगों के घरों में आने वाला पानी अमोनिया के खतरनाक स्तर को लेकर आ रहा है क्योंकि पानी के प्रमुख स्रोत यमुना नदी में अमोनिया खतरनाक स्तर तक जा पहुंचा है। राष्ट्रीय राजधानी के निवासियों को पिछले दो हफ्तों से स्मॉग और प्रदूषित हवा की समस्या भी झेलनी पड़ रही है। वहीं प्रदूषित पानी ने उनकी चिंताओं को और बढ़ा दिया है। हालांकि दिल्ली जल बोर्ड ने कहा है कि जब तक नदी के पानी में अमोनिया का स्तर कम नहीं हो जाता, तब तक कम दबाव से पानी सप्लाई किया जाएगा, लेकिन लोग चिंतित हैं कि प्रदूषित पानी उनकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है और उनको इससे बचने और सुरक्षित रहने के लिए क्या करना चाहिए।
अमोनिया मिले पानी पीने, नहाने से सेहत को ये हैं नुकसान
अमोनिया रंग हीन, तीखी महक वाली गैस है जिसमें हाइड्रोजन और नाइट्रोजन का मिश्रण होता है। ये पानी में अत्यधिक घुलनशील होती है। इसका ज्यादातर इस्तेमाल पानी में नाइट्रोजनस ऑर्गेनिक मैटर के एक नॉर्मल बायोलॉजिकल डिग्रेडेशन प्रॉडक्ट के तौर पर किया जाता है। उद्योगों से निकलने वाले अमोनिया और फर्टिलाइजर मिश्रित गंदे पानी के चलते इसके आसपास के भूजल और सतह के पानी में भी अमोनिया जमा हो जाता है। अमोनिया का दशकों से निगम के तमाम ट्रीटमेंट सिस्टम में इस्तेमाल किया जाता रहा है और पीने के पानी को लंबे समय तक साफ बनाए रखने के लिए क्लोरीन भी मिलाई जाती है। हालांकि, पानी में अमोनिया का स्तर ज्यादा हो जाना मानव शरीर के लिए खतरनाक भी होता है।
ऑरेगन डिपार्टमेंट ऑफ ह्यूमन सर्विसेज के टेक्निकल बुलेटिन के मुताबिक जरूरत से ज्यादा अमोनिया के संपर्क में आने से निम्न गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं:
प्रदूषित पानी के खतरनाक दुष्प्रभावों से सुरक्षित रहने के लिए ये सावधानियां बरतें:
तो पीने के पानी को लेकर जरा सी भी लापरवाही जान से हाथ धोने जैसा होगा। इसलिए पीने के पानी के प्रति हमेशा सावधान रहें।