हवा में घूम रहे हानिकारक तत्व हमारी सांसों के साथ मिलकर शरीर के अंदर घुस कर तबाही ला रहे हैं। प्रदूषण लेवल बढ़ने से कई बीमारियां भी बढ़ने लगी हैं। मौसम में थोड़ी ठंडक आते ही धुंध छाने लगते हैं और इससे महीन धूल के कण नीचे ही रह जाते हैं और ये सांस के जरिये शरीर में घुस जा रहे हैं।
स्मॉग को रोकना भले मुश्किल हो लेकिन इससे बचा जरूर जा सकता है। इनसे बचने के कुछ घरेलू उपाय करें साथ ही कुछ सावधानियां भी बरतें। आइए जानते हैं इस स्मॉग से मुकाबला कैसे किया जाए।
स्मॉग से होती हैं ये परेशानी
हवा में ज़हरली गैसें और नैनो पार्टिकल्स सांस के जरिये हमारे ब्लड तक पहुंच जाते हैं और इनसे तमाम परेशानी शुरू हो जाती है। हार्ट डिज़ीज, स्ट्रोक और अस्थमा इसके गंभीर परिणाम हैं जबकि शुरुआती दौर में सांस लेने में तकलीफ होना, आंखें लाल होना और खुजली के साथ जलन होना जैसी समस्याएं नजर आती है। साथ ही बार बार जुकाम होना, गले में खसखसाहट, खांसी, साइनस, माइग्रेन, के साथ ही फेफड़ों में दिक्कत शुरू हो जाती है। इन सब से बचने का एक ही तरीका है, स्मॉग से बचना।
इन घरेलू उपचारों में छुपा है पॉल्यूशन से बचने का उपाय
बरतें कुछ सावधानियां-
घर से बाहर निकलते समय डबल फिल्टर यानी नैनो पार्टिकल्स रोकने वाले मास्क का यूज करें। साथ ही चश्मा लगाएं और बालों को ढक कर रखें। प्रेग्नेंट और वृद्ध लोगों के लिए घर में एयर प्यूरिफायर मशीन लगवाएं। एंटी पॉल्यूशन वाले पौधों को घर में जरूर लगाएं, ये नेचुरल प्यूरिफायर होते हैं। बाहर से घर वापस आने के बाद मुंह, हाथ और पैर साफ़ पानी से धोने चाहिए।
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