Blood pressure after Corona Vaccine: कोरोना की पहली औऱ दूसरी लहर के बाद देश का हाल बेहाल हो चुका है, बीते दिन लाखों लोग इस महामारी के चपेट में आए और हजारों की तादाद में लोग अपनी जान गंवा बैठे हैं। हालांकि दूसरी लहर अब धीरे धीरे समाप्ति की ओर है। लेकिन वैज्ञानिकों द्वारा अभी तीसरे लहर की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में कोरोना से निपटने के लिए वैक्सीनेशन ही एकमात्र सहारा है। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा दूसरी लहर से निपटने व तीसरी लहर से बचने के लिए वैक्सीनेशन का महाभियान चलाया जा रहा है।
इसके अंतर्गत 18 साल से ऊपर के लोगों को धड़ाधड़ वैक्सीन लगाई जा रही है। वहीं टीका लगने के बाद लोगों में बुखार, मिचली, बदन दर्द और चक्कर जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं। विशेषज्ञों द्वारा इन लक्षणों को कोरोना के विरुद्ध शरीर में बनने वाली एंटीबॉडीज के लिहाज से अच्छा माना जा रहा है, जो टीके की प्रभावकारिता की तरफ इशारा करता है। वहीं कुछ लोगों द्वारा टीकाकरण के बाद रक्तचाप में वृद्धि का दावा किया जा रहा है। ऐसे में आइए जानते हैं आखिर इसमें कितनी सच्चाई है और क्या है इसका कारण?
क्या वैक्सीनेशन के बाद हाई ब्लड प्रेशर का अनुभव सामान्य है?
आपको बता दें वैक्सीनेशन के बाद उच्च रक्तचाप का अनुभव करना सामान्य है। स्विट्जरलैंड की एक रिपोर्ट के मुताबिक टीकाकरण के बाद कई लोगों ने उच्च रक्तचाप का अनुभव किया है। भारत में भी ऐसी कई केस स्टडीज सामने आई हैं जिसमें टीकाकरण के बाद लोगों ने हाई ब्लड प्रेशर का दावा किया है।
विशेषज्ञों के मुताबिक उच्च रक्तचाप वैक्सीनेशन का साइडइफेक्ट नहीं है। स्विट्जरलैंड की एक रिपोर्ट के मुताबिक जिन लोगों ने एमआरएनए वैक्सीन की पहली खुराक ली, उनमें टीकाकरण के कुछ मिनट बाद रक्तचाप का स्तर उच्च देखा गया। रिपोर्ट में किए गए मामलों में अधिकांश मरीज 70 साल या इससे अधिक उम्र के पुरुष थे। वहीं आपको बता दें 9 में से 8 लोग पहले से ही उच्च रक्तचाप की समस्या से ग्रस्त थे।
जबकि भारत में इस मामले की ज्यादा जानकारी नहीं है। कई मामले भारत में टीकाकरण के बाद ऐसे सामने आए हैं, जिसमें लोगों ने वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज के बाद उच्च रक्तचाप का अनुभव किया है।
वैक्सीनेशन के बाद रक्तचाप में परिवर्तन का कारण
आपको बता दें टीकाकरण के बाद उच्च रक्तचाप या रक्तचाप की रीडिंग में परिवर्तन कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण का साइड इफेक्ट नहीं है। अब तक किए गए नैदानिक परीक्षण और अध्ययन के दौरान कहीं भी इसकी पुष्टि नहीं की गई है। हालांकि विशेषज्ञों के मुताबिक कई लोग वैक्सीन की पहली डोज के दौरान उच्च रक्तचाप का अनुभव कर सकते हैं। जिनमें वैक्सीनेशन के बाद उच्च रक्तचाप की स्थिति देखा गया, उनमें सिर दर्द, सीने में दर्द, चिंता, अवसाद और पसीना आना जैसे लक्षण शामिल थे।
हालांकि इसे एक दुर्लभ दुष्प्रभाव माना जा रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक उच्च रक्तचाप की स्थिति लोगों में वैक्सीनेशन की चिंता के कारण भी हो सकती है, यह वैक्सीनेशन का कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है। वहीं रक्तचाप की रीडिंग में वृद्धि का एक अन्य कारण ‘व्हाइट-कोट प्रभाव’ से जोड़ा गया है, जिसके कारण अन्य स्थानों की तुलना में रक्तचाप की रीडिंग अपेक्षाकृत अधिक होती है। इसलिए वैक्सीनेशन के बाद ब्लड प्रेशर हाई होने पर आपको चिंतित नहीं होना चाहिए।
ह्रदय संबंधी मरीज ना करें टीकाकरण में देरी
विशेषज्ञों के मुताबिक ह्रदय संबंधी बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को उच्च रक्तचाप के डर से टीकाकरण में देरी नहीं करनी चाहिए। क्योंकिं ह्रदय संबंधी मरीजों के लिए कोरोना का भयावह प्रकोप जानलेवा सिद्ध हो सकता है। टीकाकरण में देरी उनके लिए स्वास्थ्य संबंधी अन्य गंभीर समस्याएं पैदा कर सकती हैं। वहीं आपको बता दें डॉक्टरों के मुताबिक ह्रदय रोगियों के लिए टीकाकरण काफी सुरक्षित माना जा रहा है। टीकाकरण के बाद रक्तचाप में वृद्धि, इस पर अभी विशेषज्ञों द्वारा आधिकारिक तौर पर कोई पुष्टि नहीं की गई है, इसके लिए शोध लगातार जारी है। ऐसे में हम अभी इसे वैक्सीनेशन का साइड इफेक्ट नहीं कह सकते हैं।
ध्यान रखें ये बातें
आपको बता दें यह वैक्सीन कोरोना के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रदान करता है तथा यह वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है। खासकर बीपी, शुगर और ह्रदय संबंधी बीमारियों से ग्रस्त मरीजों के लिए यह अत्यंत आवश्यक है। क्योंकि ये लोग हाई रिस्क श्रेंणी में आते हैं, ऐसे में इन मरीजों के लिए कोरोना के खिलाफ वैक्सीन लेना बेहद आवश्यक है। लेकिन ध्यान रहे वैक्सीन लगवाते समय आपका बीपी और शुगर दोनों नियंत्रित होना चाहिए। तथा वैक्सीन लेने से पहले व बाद में अपनी रोजमर्रा की दवाओं को ना बंद करें और वैक्सीन लगवाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।