चीनी की जगह अगर खाते हैं आर्टिफिशियल स्‍वीटनर, तो पहले पढ़ लें इससे होने वाले ये गंभीर नुकसान

हेल्थ
Updated Sep 19, 2019 | 14:42 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

डायबिटीज या मोटापे से बचने के लिए आप आर्टिफिशियल स्वीटनर यूज करते हैं और ये सोचते हैं कि ये शुगर से बेहतर है तो आपको अपनी सोच बदलनी होगी। आर्टिफिशियल स्वीटनर आपके सेहत के लिए बिलकुल सही नहीं होती।

Side Effects Of Artificial Sweetner
Side Effects Of Artificial Sweetner  |  तस्वीर साभार: Getty Images
मुख्य बातें
  • आर्टिफिशियल स्वीटनर सेहत के लिए अच्छे नहीं होते
  • इन्हें खाने से मेटॉबालिक रेट में दिक्कत पैदा होने लगती है
  • ये स्वीटनर ह्रदय रोग के खतरे पैदा कर सकता है

अधिकतर लोग ये सोच कर शुगर की जगह आर्टिफिशियल स्वीटनर को अपनी डाइट का हिस्सा बना लेते हैं कि ये सेहत के लिए सही है। इतना ही नहीं कई बार लोग इसका प्रयोग बहुत करने लगते हैं,क्योंकि उन्हें लगता है कि ये शुगर की तरह ये न तो डायबिटीज को बढ़ाएगी न मोटापे को, लेकिन शायद उन्हें इस बात का बिलकुल अंदाजा नहीं कि ये आर्टिफिशियल स्वीटनर शुगर से कहीं ज्यादा नुकसानदायक होती है।

ये स्वीटनर मेटाबॉलिक रेट को गड़बड़ ही नहीं करती बल्कि कई बार ये डायबिटीज होने के लिए भी जिम्मेदार होती है। आइए जानें कि आर्टिफिशियल स्वीटनर का सेहत पर कैसे नकारात्मक असर पड़ता है।

 जानें आर्टिफिशियल स्वीटनर के शरीर पर होने वाले नुकसान 

भूख बढ़ा देती है
आर्टिफिशियल स्वीटनर्स आपकी भूख को बढ़ा देते हैं जिससे कैलोरी की खपत बढ़ जाती है। नतीजा वेट गेन होने लगता है। जब आप आर्टिफिशियल स्वीटनर वाले खाद्य
पदार्थ खाते हैं तो आप ये सोच कर ज्यादा खाने लगते हैं कि ये नुकसान नहीं करेबा। जबकि ज्यादातर मीठी चीजों में कार्बोहाइड्रेट होता है।

डायबिटीज का खतरा बढ़ता है
आपको लग सकता है कि आर्टिफिशियल स्वीटनर्स डायबिटीज पेशंट्स के लिए अच्छा होता है, लेकिन ये सत्य नहीं। उलटे ये डायबिटीज का कारण बन सकता है, क्योंकि आर्टिफिशियल स्वीटनर्स ब्लड में शुगर के विनियमित करने की क्षमता को बाधित करता है। इससे मेटाबॉलिज्म डिस्टर्ब हो जाता है। चीनी के बजाय आर्टिफिशियल स्वीटनर्स का बहुत अधिक सेवन डायबिटीज के प्रमुख कारणों में से एक है।

उच्च रक्तचाप और हृदय रोग का भी बढ़ता है खतरा
उच्च रक्तचाप और हृदय रोग, कोरोनरी हृदय रोग जैसी बीमारियों का जोखिम उन लोगों में काफी बढ़ जाता है, जो एक दिन में दो से अधिक बार आर्टिफिशियल स्वीटनर से बने मीठे पेय पदार्थों का सेवन करते हैं। यह हृदय संबंधी विकारों के जोखिम को बढ़ाता है।

मेटाबोलिक सिंड्रोम का खतरा
आर्टिफिशियल स्वीटनर से मेटाबोलिक सिंड्रोम का खतरा पैदा होता है। ये ऐसी स्थितियों का एक समूह होता है, जिसमें आमतौर पर रक्तचाप में वृद्धि, उच्च रक्त शर्करा का स्तर, कमर के आसपास अतिरिक्त वसा का जमना और असामान्य कोलेस्ट्रॉल का स्तर होता है। इससे स्ट्रोक, हृदय रोग के जोखिम को बढ़ते हैं।

टेस्ट बड निष्क्रिय हो जाता है
आर्टिफिशियल स्वीटनर से टेस्ट बड डल यानी निष्क्रिय होने लगता है। आर्टिफिशियल स्वीटनर, एक टेबल चीनी की तुलना में बहुत अधिक मीठा होता है। मिठास की इतनी उच्च तीव्रता रोज लेने से टेस्ट बड धीरे-धीरे डल होने लगता है। नतीजा स्वीट क्रैविंग्स को संतुष्ट करने के लिए और मीठे खाद्य पदार्थों की तलाश करते हैं।

यदि आप चीनी विकल्प की तलाश कर रहे हैं, तो शहद, स्टीविया जैसे नुचरल चीजों का प्रयोग करें। इन्हें सीमित मात्रा में लेना आपके लिए खतरे पैदा नहीं करेगा।

डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता।

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