कोरोना वायरस महामारी के बीच बर्ड फ्लू ने लोगों की चिंता को बढ़ाने का काम किया है। बर्ड फ्लू के एच5एन8 वायरस से देश के कई हिस्सों में हजारों पक्षियों की मौत हो चुकी है। इसे लेकर राज्य और सरकारें अलर्ट हो रही हैं। एच5एन1 वायरस से पक्षियों के साथ-साथ मनुष्यों और दूसरे जानवरों को भी संक्रमित होने का खतरा है। H5N1 से लेकर H5N5 बर्ड फ्लू वायरस को खतरनाक माना जाता है।
क्या है बर्ड फ्लू
बर्ड फ्लू (एवियन इन्फ्लूएंजा) एक विषाणु जनित रोग है। यह विषाणु जिसे इन्फ्लूएंजा ए या टाइप ए विषाणु कहते हैं, आम तौर मे पक्षियों में पाया जाता है, लेकिन कभी कभी यह मानव सहित अन्य कई स्तनधारिओं को भी संक्रमित कर सकता है, जब यह मानव को संक्रमित करता है तो इसे इन्फ्लूएंजा (श्लेष्मिक ज्वर) कहा जाता है।
पक्षियों की ये बीमारी इंसानों तक भी पहुंच सकती है। हालांकि बर्ड फ्लू का मानव में प्रसार बहुत कम होता है। लेकिन बर्ड फ्लू का म्यूटेट स्ट्रेन आसानी से फैल सकता है। ये वायरस किसी भी व्यक्ति में नाक, आंख, मुंह या सांस के माध्यम से प्रवेश करता है।
H5N1 वायरस के लक्षण
एच1एन1 वायरस का लक्षण भी कोरोना वायरस से मिलता जुलता है। व्यक्ति को सांस संबंधी तकलीफ होती है। बुखार आता है, सिरदर्द होता है। नाक बहती है, गले में खराश होती है और खांसी व डायरिया जैसी तकलीफें होती हैं।
बचाव जरूरी, बरतें सावधानी
हालांकि अच्छी बात ये है कि एंटीवायरल दवाओं के जरिए इलाज इलाज संभव है। आरटी-पीसीआर टेस्ट से इसकी पुष्टि होती है। लोगों के लिए जरूरी है कि वे सावधानी बरतें। ऐसे में जरूरी है कि संक्रमित पक्षियों से दूर रहें। नॉनवेज खाने से परहेज करें या नॉनवेज खरीदते समय सफाई का विशेष ध्यान रखें।