कम पानी पीने वालों को सिस्टाइटिस का खतरा ज्यादा, इस इंफेक्शन से हो सकते हैं परेशान 

हेल्थ
Updated Dec 24, 2018 | 07:36 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

अगर आपको भी कम पानी पीने की आदत है तो सावधान हो जाएं क्योंकि बैठे-बिठाएं आप बीमारी को दावत दे रही हैं। कम पानी पीना खतरे का संकेत है।

Less Water Intake May Cause Cystitis in Women
Less Water Intake May Cause Cystitis in Women  

नई दिल्‍ली: ठंड में ज्यादातर लोग पानी बहुत ही कम पीते हैं। लेकिनआपको पता है प्यास लगने पर पानी पीने की ये आदत आपके लिए बीमारी का कारण हो सकती है। कम पानी पीने से केवल डिहाइड्रेशन नहीं बल्कि कई तरह के संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है। ये संक्रमण फीमेल्स में ज्यादा होने की संभावना होती है। हालांकि पानी मेल-फीमेल दोनों को कम पीना खतरे का संकेत है।

सिस्टाइटिस भी संक्रमण है जो पानी कम पीने के कारण ही होता है। सिस्टाइटिस एक तरह का इंफेक्शन है जो यूरेनरी ट्रेक को इफेक्ट करता है। इसके कारण ब्लैडर वॉल में सूजन आ जाती है। हालांकि ये कोई गंभीर बीमारी नहीं है मगर इसके कारण आपको पेशाब नली में जलन और दर्द की समस्या हो सकती है। सिस्टाइटिस आमतौर पर बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण होता है।

महिलाओं में सिस्टाइटिस का खतरा सबसे ज्यादा होता है क्योंकि पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं का यूरिनरी ब्लैडर छोटा होता है। मगर पुरुषों को भी ये इंफेक्शन होता है। महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान इस संक्रमण का खतरा काफी बढ़ जाता है।

Also read: तांबे के बर्तन में भूलकर भी नहीं रखनी चाहिए ये चीजें, हो सकती है फूड पॉइजनिंग

पानी कम पीना हो सकता है कारण
सिस्टाइटिस के कई कारण हो सकते हैं मगर आमतौर पर पानी कम पीने से ये रोग होने की आशंका बढ़ जाती है। शरीर में पानी की कमी होने पर शरीर में मौजूद अपशिष्ट पदार्थ या टॉक्सिन्स पूरी तरह बाहर नहीं निकल पाते हैं। इन्हीं टॉक्सिन्स के कारण पेट में बैक्टीरिया पैदा हो जाते हैं, जो मूत्रमार्ग में पहुंचकर इंफेक्शन का कारण बनते हैं। शरीर में किसी भी प्रकार का इंफेक्शन होने पर आपको तरल पदार्थों का सेवन ज्यादा शुरू कर देना चाहिए।

सिस्टाइटिस के लक्षण
* पेशाब में तेज जलन और दर्द की शिकायत
* यूरिन के साथ खून का निकलना
* बदबूदार और गहरे रंग का मूत्र आना
* पेट, पेड़ू या कमर के निचले हिस्से में दर्द की समस्या
* जल्दी-जल्दी पेशाब जाना या पेशाब महसूस होना
* उम्रदराज लोगों में थकान और बुखार भी हो सकते हैं लक्षण
* बार-बार तेज पेशाब लगना मगर पेशाब की मात्रा बहुत कम होना
* बच्चों में सिस्टाइटिस होने पर उल्टी की भी समस्या हो सकती है।

Also read: वजन कम करने के लिए आदर्श मील प्लान क्या होना चाहिए? Nutritionist रिजुता दिवेकर करेंगी आपकी हर शंका का समाधान

सिस्टाइटिस से बचाव

सिस्टाइटिस कोई गंभीर रोग नहीं है इसलिए इससे डरने की जरूरत नहीं है। आमतौर पर अगर आप जरूरी एहतियात बरतते हैं, तो 3-4 दिन में ये रोग अपने आप ठीक हो जाता है। मगर मगर ये रोग 4 दिन में ठीक न हो, तो आपको डॉक्टर से जरूर संपर्क करना चाहिए क्योंकि ये सिस्टाइटिस के अलावा किसी और गंभीर बीमारी के भी संकेत हो सकते हैं। सिस्टाइटिस से बचाव के लिए आपको कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना जरूरी है, जैसे-

सिस्टाइटिस के दौरान साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। सिस्टाइटिस हो जाए, तो तरल पदार्थों का खूब सेवन करें और खूब पानी पिएं। कैफीन वाले ड्रिंक्स, एसिडिक ड्रिंक्स और कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन बंद कर दें। शराब और धूम्रपान को बिल्कुल न लें।

Health News in Hindi के लिए देखें Times Now Hindi का हेल्‍थ सेक्‍शन। देश और दुन‍िया की सभी खबरों की ताजा अपडेट के ल‍िए जुड़िए हमारे FACEBOOK पेज से। 

अगली खबर